राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले में
खुद को दोषी ठहराए जाने के विशेष सीबीआई अदालत के फैसले को गुरुवार को
झारखंड उच्च न्या
यालय में चुनौती दी।
सीबीआई अदालत द्वारा पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद राजद प्रमुख ने अपने वकील के जरिए इस फैसले को चुनौती दी और जमानत की भी गुहार लगायी।
लालू के वकील चितरंजन ने बताया कि हमने दोषी ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी दायर की है। इसके अलावा, हमने जमानत के साथ-साथ सजा तथा जुर्माने की राशि पर रोक लगाने की भी मांग की है। सीबीआई अदालत ने लालू पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
लालू के अलावा, प्रवास कुमार सिंह की सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर को बिहार के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र एवं 43 अन्य आरोपियों को 1990 के दशक में राजद शासनकाल के दौरान चाईबासा कोषागार से फर्जीवाड़ा कर 37.7 करोड़ रुपए निकालने के मामले में दोषी करार दिया था।
निचली अदालत ने आरसी (नियमित मामला) 20 ए-96 में दोषियों को तीन से पांच साल तक की सजा सुनाने के साथ-साथ उन पर जुर्माना भी लगाया। आठ आरोपियों को तो उसी दिन जमानत दे दी गई थी जिस दिन सीबीआई अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया।
आरसी 38 ए-96, आरसी 47 ए-96, आरसी 64 ए-96 और आरसी 68 ए-96 मामले में भी लालू पर मुकदमा चल रहा है। चारा घोटाले के नाम से कुख्यात पशुपालन विभाग में हुए 950 करोड़ रुपए के घोटाले में सीबीआई की ओर से दर्ज 53 मामलों में से 45 मामलों में विभिन्न सीबीआई अदालतें फैसला सुना चुकी हैं।
सीबीआई अदालत द्वारा पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद राजद प्रमुख ने अपने वकील के जरिए इस फैसले को चुनौती दी और जमानत की भी गुहार लगायी।
लालू के वकील चितरंजन ने बताया कि हमने दोषी ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी दायर की है। इसके अलावा, हमने जमानत के साथ-साथ सजा तथा जुर्माने की राशि पर रोक लगाने की भी मांग की है। सीबीआई अदालत ने लालू पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
लालू के अलावा, प्रवास कुमार सिंह की सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर को बिहार के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र एवं 43 अन्य आरोपियों को 1990 के दशक में राजद शासनकाल के दौरान चाईबासा कोषागार से फर्जीवाड़ा कर 37.7 करोड़ रुपए निकालने के मामले में दोषी करार दिया था।
निचली अदालत ने आरसी (नियमित मामला) 20 ए-96 में दोषियों को तीन से पांच साल तक की सजा सुनाने के साथ-साथ उन पर जुर्माना भी लगाया। आठ आरोपियों को तो उसी दिन जमानत दे दी गई थी जिस दिन सीबीआई अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया।
आरसी 38 ए-96, आरसी 47 ए-96, आरसी 64 ए-96 और आरसी 68 ए-96 मामले में भी लालू पर मुकदमा चल रहा है। चारा घोटाले के नाम से कुख्यात पशुपालन विभाग में हुए 950 करोड़ रुपए के घोटाले में सीबीआई की ओर से दर्ज 53 मामलों में से 45 मामलों में विभिन्न सीबीआई अदालतें फैसला सुना चुकी हैं।
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