Tuesday 21 May 2013

गर्मी का असर: चुरू में रेत से बन गया नियाग्रा फाल, आसमान में हवाई जहाज को भी लग रहे हैं झटके

गर्मी का असर: चुरू में रेत से बन गया नियाग्रा फाल, आसमान में हवाई जहाज को भी लग रहे हैं झटके 
जयपुर. दिल्ली और इंदौर से आने वाले विमानों में सोमवार को जयपुर में लैंडिंग के समय चेतावनी जारी की गई। ‘सावधान... बाहर हीट वेव चल रही है। विमान हिलेगा... धक्के लगेंगे। घबराएं नहीं।’ चेतावनी से विमान में यात्रियों के बीच एक ही चर्चा रही... हीट वेव से क्या होने वाला है? सभी सीट बैल्ट बांध कर चौकन्ने हो गए। लेकिन हुआ वैसे ही जैसी चेतावनी जारी की गई, लैंडिंग के समय विमान खड्डे में चलती बस की तरह हिचकोले खाने लगा। 
विमानों में दी जा रही इस चेतावनी के पीछे राजस्थान में दो दिन से पड़ रही भीषण गर्मी है। गर्मी में ऊपर की ठंडी हवा जमीन से टकराती है और गर्म होकर दबाव के साथ ऊपर उठती है। गर्म हवा के इसी दबाव के कारण विमान हिलता है। इसे क्लाइमेटोलॉजी की भाषा में थर्मल करंट कहते हैं। जमीन से उठ रही गर्म हवा और आस-पास की हवा के तापमान में अंतर के कारण यह करंट चलता है जो तेज वेग के साथ ऊपर बढऩे के कारण उतरते समय विमानों को नीचे से धक्का लगाता है और विमान हिलते हैं। इस करंट का असर कई बार इतना बढ़ जाता है कि उसकी ताकत विमान के भार से भी ज्यादा हो जाती है। तेजी से ऊपर उठती गर्म हवा कई बार विमान को फिर से ऊपर उठा देती और विमान डगमगा जाता है। 
दिल्ली और इंदौर से जयपुर पहुंचे यात्रियों ने बताया कि जब विमान ने उड़ान भरी तब चेतावनी दी गई थी। जब विमान जयपुर पहुंचा तो फिर चेतावनी दोहराई गई। यात्रियों ने बताया दोपहर के समय जयपुर उतरते समय एक बार तो ऐसा लगा कि विमान जैसे किसी से टकरा गया और फिर से धक्के खाकर उडऩे वाला है... लेकिन पांच मिनट में जब हिलता-डुलता रुका, तब सांस में सांस आई। 
सोमवार को जयपुर का अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार वेस्टरली विंड फिर शुरू होने से मंगलवार को पारा फिर बढ़ेगा और भीषण गर्मी पड़ेगी। मंगलवार और बुधवार को जयपुर उतरने वाले विमानों में भारी लू के कारण धक्के ज्यादा लगेंगे। 
मौसम वि‍भाग के नि‍देशक एसएस सिंह ने बताया कि ऊपरी आसमान में भारी हवा होती है। उसके तथा जमीन के तापमान में अंतर के कारण गर्म हवा हल्की होने के कारण तेज दबाव के साथ ऊपर उठती है। तापमान में इसी वैरिएशन के कारण ऊपर उठती गर्म हवा विमान को हिलाती है। 
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हैल्थ, गांधीनगर के जाने-माने हीट वेव एक्सपर्ट व निदेशक डॉ. दिलीप मावलंकर ने बताया कि आसमान की ठंडी हवा के साथ विमान नीचे आता है ,उस समय गर्म हवा जमीन से टकरा कर तेजी से ऊपर उठती है। इस कारण थर्मल करंट चलता है। रेगिस्तानी और सूखे इलाकों में 44 डिग्री से ज्यादा तापमान पर यह अक्सर देखा जाता है। इस कारण विमान के उतरते वक्त खड्डों से गुजरती बस की तरह धक्के लगते हैं। 
तापमान बढऩे पर विमान से निकलने वाला धुआं फैल जाता है जिससे विमान को कम ताकत से ऊपर उठता है इस कारण भीषण गर्मी में विमान की लोड कैपेसिटी कम हो जाती है। सामान्य तापमान में विमान 10 टन भार उठाता है तो गर्मी में यह क्षमता 8 टन ही रह जाती है। 
वर्षा के समय घने बादलों से गुजरते समय भी विमान हीट वेव की तरह बादलों के धक्के महसूस करता है। क्लाइमेटोलॉजिस्ट के अनुसार बादलों में गर्म और ठंडी हवा ऊपर उठती है, इससे विमान को वर्टीकल प्रेशर से धक्के लगते हैं, जिससे विमान टूट भी सकता है।
पारा उफान पर है! प्रचंड गर्मी पड़ रही है। राजस्थान तप रहा है। रेगिस्तान भी। धोरों की तासीर होती है कि गर्मी भी असहनीय और सर्दी भी हाड़ कंपाने वाली। तस्वीर चूरू की है, गर्मी से सूखकर रेत झर-झर बह रही है। और हां। जाड़े में यहां पारा जम भी जाता है(0 से -10 तक)। 

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