Friday, 11 October 2013

गुब्बारों के संग महासागर की सैर

Image Loadingरंगीन गुब्बारों को देख किसका जी नहीं मचलता। अगर कह दिया जाए कि इसके सहारे तुम्हें आसमान की सैर कराएंगे, तब तो झट से हामी भर दोगे तुम।
गुब्बारों की सैर किसे पसंद नहीं। हवा में उड़ो और सोचो, अगर इ न्हीं गुब्बारों के सहारे तुम अटलांटिक महासागर के पार चले गये तो कितना अच्छा अभियान होगा.. ऊपर खुला आसमान और नीचे समंदर। ऐसे ही एक रोचक कारनामे को अंजाम दिया अमेरिकी नौजवान जोनाथन ट्रैप ने।  मात्र 39 वर्ष के जोनाथन हीलियम गैस से भरे रंगीन गुब्बारों के बीच बैठ एक सुबह लंबी दूरी तय करने निकल पड़े। 12 सितंबर की सुबह भी वो एक सुनहरे सपने के साथ जगे। और इन गुब्बारों के सहारे उन्होंने अटलांटिक से यूरोप तक उड़ने की योजना बना ली। यह यात्रा 2,500 से 3,000 मील लंबी थी और वो आइसलैंड से मोरक्को तक कहीं भी लैंड कर सकते थे, जहां भी ये मनमानी बहने वाली हवा ले जाती। ऐसा अंदाजा लगाया गया कि 3 से 5 दिन तक यह यात्रा समाप्त हो जाएगी। अमेरिका स्थित नॉर्थ कैरोलीना के जोनाथन ट्रैप एक आराम कुर्सी पर बैठ इस ट्रिप के लिए रवाना हो गए। इस ट्रिप में उपयोग की गई कुर्सी को सहारा देने के लिए उन्होंने 370 रंगीन हीलियम गैस से भरे गुब्बारों की व्यवस्था की थी। इन गुब्बारों को उन्होंने पीले रंग की लाइफबोट में बांधा। इस लाइफबोट में तमाम आधुनिक साधन मौजूद थे, जो इनकी मदद कर सकते थे। जैसे जीपीएस ट्रैकर, एयरक्राफ्ट ट्रांसपौंडर, ऑक्सीजन सिस्टम, एयरक्राफ्ट रेडियो आदि। इन सबके बीच उन्होंने उड़ान भरी और वहां पहुंच उनका संदेश भी लोगों तक मिला और सबने राहत की सांस ली। इसके पहले इस तरह के ट्रिप को अंजाम देने की तमन्ना 12 बार की गयी, जिसमें पांच यात्रियों ने अपनी जान तक गंवा दी थी। लेकिन ट्रैप ने पूरी एहतियात रखी। उन्होंने सैटेलाइट फोन के जरिए अपने टीम से कॉन्टेक्ट बनाए रखा। इसके पहले 2012 में मेक्सिको में आयोजित लियोन इंटरनेशनल फेस्टिवल में भी कुछ ऐसी ही जांबाजी उन्होंने दिखायी थी, जिसे एनिमेटेड फिल्म में फिल्माया गया था। इसके साथ उन्होंने कितने ही दूसरे रिकॉर्ड भी कायम किए हैं अब तक। अब तो नया रिकॉर्ड 22 मील की लंबाई वाले इंग्लिश चैनल को यू हीं पार कर लेने का बना है।

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