Saturday, 12 October 2013

खान-पान न बरतें लापरवाही

Image Loadingत्योहारी मौसम है, ऐसे में खानपान में लापरवाही होने की आशं का काफी होती है। यह लापरवाही आपकी सेहत बिगाड़ सकती है। आने वाले 16 अक्तूबर को विश्व आहार दिवस है। इस अवसर पर क्यों न संतुलित आहार लेने का प्रण लें? संतुलित आहार से खुद को कैसे रखें सेहतमंद, बता रही हैं जानी-मानी वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. शिखा शर्मा
हम सभी जानते हैं कि सेहतमंद बने रहने के लिए संतुलित आहार यानी हेल्दी फूड बहुत जरूरी है। फिर भी डॉक्टरों के चक्कर लगाने वालों की कमी नहीं। ऐसे लोगों में विटामिन, कैल्शियम, एंजाइम की कमी मिलती है। डॉक्टर उपचार के रूप में किसी को कैल्शियम और आयरन की गोली देते हैं तो किसी को जरूरी विटामिन की गोली। अगर हेल्दी फूड का मतलब जाना जाए और अपने खान-पान पर थोडम ध्यान दिया जाए तो अलग से विटामिन आदि लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। क्या है हेल्दी फूड
हेल्दी फूड का मतलब है, जिस खाने से शरीर को जरूरी न्यूट्रीशन मिल जाए। इस परिभाषा को लोग अलग-अलग तरह से जानते हैं। पढ़े-लिखे लोग तो इसकी सही परिभाषा जानते हैं, लेकिन जो पढ़े-लिखे नहीं है, वे हेल्दी फूड का मतलब जानते हैं घी, तेल व महंगी चीजों का सेवन, जो ठीक नहीं है। हेल्दी फूड का मतलब है संतुलित आहार, जो शरीर की तमाम जरूरतें पूरी कर पाए।  दिन भर के खाने में क्या हो
हमारे शरीर को फाइबर चाहिए, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि हम जो भी खाएं उसमें फाइबर शामिल हो। इसकी पूर्ति दाल छिलके के साथ और रोटी चोकर के साथ लेकर भी पूरी कर सकते हैं। शरीर को तमाम प्रोटीन और एंजाइम चाहिए। प्रोटीन दालों से और एंजाइम कच्चे फलों से मिल जाता है, इसलिए दाल और फलों को भोजन में प्रमुखता से जगह देनी बहुत जरूरी है। इसके अलावा फैट्स की जरूरत होती है। उसकी पूर्ति दूध, दही, ड्राई फ्रूट्स खाकर कर सकते हैं। फैट्स की जरूरत शरीर को काफी कम पड़ती है, इसलिए इसकी मात्रा बहुत कम रखें। खाने में तेल की मात्रा 18-20 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम इससे तीन गुना ज्यादा तेल खा लेते हैं, जो नुकसानदेह है। हम बिस्कुट, तली हुई चीजें, केक, मैगी, चिप्स, कुरकुरे आदि पैकेज फूड काफी खा लेते हैं, जिनमें तेल की काफी मात्रा होती है। इससे बचना बहुत जरूरी है। दिन भर में  8-10 ग्लास यानी ढाई लीटर पानी पीना भी जरूरी है। कैसी हो सुबह की शुरुआत
सुबह जागने के बाद गुनगुना पानी अदरक डाल कर ले सकते हैं। लोग आमतौर पर दूध की चाय लेते हैं। दूध की उबाल कर बनाई गई चाय सबसे ज्यादा नुकसानदेह है। अगर आप दूध की चाय ही पीना चाहते हैं तो उसके बनाने के तरीके में बदलाव लाएं। दूध को अलग गर्म करके रखें। पत्ती उबाल कर छानने के बाद उसमें दूध अलग से मिलाएं और फिर कम से कम चीनी मिलाएं। वैसे हर्बल टी बेस्ट है। कुछ लोग साथ में बिस्कुट खाना पसंद करते हैं। इसके बजाए 4-5 बदाम लें तो बेहतर है। बिस्कुट लेना जरूरी हो तो ऐसे बिस्कुट लें, जो कै्रकर की तरह हो यानी जिसमें आयल न हो। काली चाय में शहद मिला कर पीना भी काफी बेहतर विकल्प है। कैसा हो नाश्ता
नाश्ते में स्प्राउट खाना चाहिए। चना, मूंग आदि को अंकुरित कर उसमें टमाटर, प्याज आदि मिला कर खाएं। यह अच्छा नाश्ता है। इससे पूरे दिन ऊर्जा मिलती रहती है। दो परांठे पेट को भारी कर सकते हैं, लेकिन एक बाउल स्प्राउट उससे ज्यादा ऊर्जा देता है और पेट में भारी भी नहीं होता। साथ में नारियल पानी बेस्ट पेय है। दोपहर के खाने में
इसमें एक पत्तेदार और एक रंगीन सब्जी जरूर रखें। एक पालक या मेथी है तो दूसरी बैंगन, आलू या शिमला मिर्च की सब्जी बना सकते हैं। दोनों सब्जियां हल्के तेल में बनाएं। रोटी मिक्स आटे से बने तो बेहतर है। सर्दी के मौसम में गेहूं के आटे में 15 प्रतिशत सोया आटा, 20 प्रतिशत चना आटा मिला लें, फिर रोटी बनाएं। गर्मियों में जौ का आटा आधा मिला सकते हैं। सुबह स्प्राउट खा लिया तो दोपहर के खाने में दाल की जरूरत नहीं रह जाती, लेकिन अगर किसी दिन सुबह स्प्राउट नहीं खाया तो दोपहर में दाल खानी चाहिए। दाल का बेहतरीन रूप अंकुरित है। सर्दियों में चाय की जगह दाल और सब्जियों के सूप से अच्छा कुछ नहीं। रात का खाना कैसा हो
रात में खाना सबसे हल्का लें। खिचरा लेना बेहतरीन विकल्प है। यह दलिया, दाल और सब्जियां मिला कर बनता है। इसे भूख के हिसाब से ले सकते हैं। ज्यादा भूख लगी हो तो दिन की तरह रोटी और सब्जियां ले सकते हैं। चावल खाने की इच्छा हो तो ब्राउन चावल लें। अगर स्वाद नहीं मिले तो सफेद खा लें, लेकिन उसकी मात्रा कम रखें। कुछ लोग रात मे दूध लेना पसंद करते हैं। यह अच्छा है, लेकिन भैंस का दूध बहुत भारी होता है, इसलिए अगर भैंस का दूध लें तो उसमें पानी मिला कर लेना चाहिए। गाय का दूध मिले तो सेहत के लिए बेस्ट है। आयुर्वेद में दूध के जो भी लाभ बताए गए हैं, वे गाय के दूध के ही बारे में बताए गए हैं। आम आदमी के लिए 250 ग्राम दूध पर्याप्त है। बॉडी बनाने वाले युवा के लिए गाय का दूध बहुत जरूरी है। क्या खाएं और क्या नहीं गर...
इम्यून सिस्टम कमजोर है तो डाइट में ड्राइ फ्रूट्स, फ्रूट्स, एलोवेरा आदि को जरूर शामिल करें। जंक फूड से रहें दूर।
हीमोग्लोबिन कम है तो भोजन में अंजीर, गुड़, मूंगफली, चना आदि शामिल करें। जंक फूड से बचें।
डायबिटीज की शिकायत है तो चने का आटा और सोया का आटा मिला कर उससे बनी रोटी खाएं। स्प्राउट मेथी सीड्स लें और आंवला का सेवन करें। आंवला को जूस के रूप में लेने की कोशिश करें। आप खाना न छोड़ें, ज्यादा न खाएं, जंक फूड से बचें।
बीपी की समस्या है तो जौ के आटे की रोटी लें। ताजा सब्जियों, फल का सेवन करें। तली चीजों, अचार आदि से बचें।
वजन अधिक है तो फाइबर वाली चीजें अधिक लें। फ्रूट्स, अंकुरित दालें आदि भी आपके लिए काफी फायदेमंद रहेंगी। आप मीठी, तली हुई, अचार व मसालेदार चीजों से दूर रहें।
मानसिक कार्य अधिक करते हैं तो डाइट में विटामिन बी 12 वाली चीजों की मात्रा बढ़ा लें। पपीता, सेब, अनार आदि में ये विटामिन अधिक होता है। फल और ड्राइफ्रूट्स की जगह सन फ्लावर, अलसी, तिल आदि सस्ते विकल्प हैं।
90 प्रतिशत लोगों को विटामिन की कमी होती है, आप अपनी भी जांच करा लें।

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