हमारे दैनिक भोजन में कई चीजें शामिल नहीं होतीं, जो सेहत के लिए आवश्यकता
हैं, इसलिए उन्हें भोजन में शामिल करना जरूरी है। ऐसी चीजों को आप हफ्ते
में एक बार शामिल कर अपने भोजन
को संतुलित कर सकते हैं।
ड्राइ फ्रूट्स रोज नहीं ले सकते तो हफ्ते में एक बार जरूर लें। संभव हो तो वेलनेस के लिए कुछ हर्ब ले सकते हैं। एलोवेरा और आंवला जूस, गेंहू के घास का जूस, जौ का पानी लेना चाहिए। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। संभव हो तो हफ्ते में अलग-अलग रंग के 5 फल भी लेने की कोशिश करें, जिससे शरीर को तमाम न्यूट्रीसन्स मिल जाएं। रोग प्रतिरोधक क्षमता और हीमोग्लोबिन का स्तर बेहतर करना है तो अंजीर, गुड़, काला चना, मूंगफली, गेहूं के घास का जूस, तुलसी आदि का नियमित सेवन करें। सर्दी आने को है। इस मौसम में केला, घी, ठंडा दूध, दही, तली हुई चीजें, लौकी आदि रात में न खाएं। स्प्राउट्स, केला, फल आदि सुबह नाश्ते में शामिल करें। अधिक चाय से हेयर फॉल, पिंपल्स, शरीर में दर्द, अर्थराइटिस, कैल्शियम लॉस जैसी समस्याएं आती हैं। पूरे दिन के लिए दो कप कॉफी या चाय ले सकते हैं। रात में ज्यादा खा कर न सोएं। ज्यादा खाना खा कर सोने से शरीर की कई क्रियाएं बाधित होती हैं। रात में शरीर को खुद को बेहतर बनाने के लिए काम करना होता है, लेकिन ज्यादा खाने से उसे पचाने में शरीर को अधिक ऊर्जा लगानी पड़ती है और उसका मुख्य काम बाधित होता है। तेल को तीन महीने में बदल देना चाहिए। सरसों तेल, मूंगफली का तेल, ऑलिव आयल, सनफ्लॉवर, कॉर्न आयल, राइस ब्रेन आयल को बारी-बारी से ले सकते हैं। दिन के खाने में एक तेल तो रात में दूसरे तेल का उपयोग कर सकते हैं। पानी खाने के तुरंत बाद न पिएं, क्योंकि इससे शरीर की पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पानी खाने के आधे से एक घंटे बाद ही पिएं। पानी के हर घूंट का आनन्द लेकर ही पिएं। दूध कभी भी ले सकते हैं, लेकिन सर्दी में ले रहे हैं तो रात में लें। अगर कफ की प्रकृति है तो रात में दूध न लें। गर्मियों में सुबह चाय की जगह दूध ले सकते हैं। क्या-क्या खाने से बचना चाहिए
एडिक्शन, जंक फूड, फास्ट फूड, फ्राइड फूड, अचार से बचें। इनसे हार्ट, हड्डियां आदि कमजोर हो सकती हैं। बच्चों की डाइट में कैल्शियम जरूर होना चाहिए, जो अनाज से मिल जाता है। दूध, पनीर और दही भी वे खा ही लेते हैं। बच्चों को रागी के आटे की रोटी दें या उस आटे को सामान्य आटे में मिला कर रोटी बनाएं। उन्हें फल-सब्जियां जरूर दें। मीठे के बदले अंजीर, खजूर और किसमिस दें।
ड्राइ फ्रूट्स रोज नहीं ले सकते तो हफ्ते में एक बार जरूर लें। संभव हो तो वेलनेस के लिए कुछ हर्ब ले सकते हैं। एलोवेरा और आंवला जूस, गेंहू के घास का जूस, जौ का पानी लेना चाहिए। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। संभव हो तो हफ्ते में अलग-अलग रंग के 5 फल भी लेने की कोशिश करें, जिससे शरीर को तमाम न्यूट्रीसन्स मिल जाएं। रोग प्रतिरोधक क्षमता और हीमोग्लोबिन का स्तर बेहतर करना है तो अंजीर, गुड़, काला चना, मूंगफली, गेहूं के घास का जूस, तुलसी आदि का नियमित सेवन करें। सर्दी आने को है। इस मौसम में केला, घी, ठंडा दूध, दही, तली हुई चीजें, लौकी आदि रात में न खाएं। स्प्राउट्स, केला, फल आदि सुबह नाश्ते में शामिल करें। अधिक चाय से हेयर फॉल, पिंपल्स, शरीर में दर्द, अर्थराइटिस, कैल्शियम लॉस जैसी समस्याएं आती हैं। पूरे दिन के लिए दो कप कॉफी या चाय ले सकते हैं। रात में ज्यादा खा कर न सोएं। ज्यादा खाना खा कर सोने से शरीर की कई क्रियाएं बाधित होती हैं। रात में शरीर को खुद को बेहतर बनाने के लिए काम करना होता है, लेकिन ज्यादा खाने से उसे पचाने में शरीर को अधिक ऊर्जा लगानी पड़ती है और उसका मुख्य काम बाधित होता है। तेल को तीन महीने में बदल देना चाहिए। सरसों तेल, मूंगफली का तेल, ऑलिव आयल, सनफ्लॉवर, कॉर्न आयल, राइस ब्रेन आयल को बारी-बारी से ले सकते हैं। दिन के खाने में एक तेल तो रात में दूसरे तेल का उपयोग कर सकते हैं। पानी खाने के तुरंत बाद न पिएं, क्योंकि इससे शरीर की पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पानी खाने के आधे से एक घंटे बाद ही पिएं। पानी के हर घूंट का आनन्द लेकर ही पिएं। दूध कभी भी ले सकते हैं, लेकिन सर्दी में ले रहे हैं तो रात में लें। अगर कफ की प्रकृति है तो रात में दूध न लें। गर्मियों में सुबह चाय की जगह दूध ले सकते हैं। क्या-क्या खाने से बचना चाहिए
एडिक्शन, जंक फूड, फास्ट फूड, फ्राइड फूड, अचार से बचें। इनसे हार्ट, हड्डियां आदि कमजोर हो सकती हैं। बच्चों की डाइट में कैल्शियम जरूर होना चाहिए, जो अनाज से मिल जाता है। दूध, पनीर और दही भी वे खा ही लेते हैं। बच्चों को रागी के आटे की रोटी दें या उस आटे को सामान्य आटे में मिला कर रोटी बनाएं। उन्हें फल-सब्जियां जरूर दें। मीठे के बदले अंजीर, खजूर और किसमिस दें।
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