Friday, 11 October 2013

तेंदुलकर के साथ मैदान पर उतरता है पूरा देश

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डॉन ब्रैडमैन के टेस्ट मैचों में रन औसत को छोड़कर खेल का शायद ही कोई ऐसा रिकॉर्ड हो जो सचिन तेंदुलकर के नाम न हो।
        डॉन तो सचिन के खेल से इतने प्रभावित थे कि एक उन्होंने अपनी जेसी से टेलीविजन पर सचिन का खेल देखने को कहा और पूछा कि क्या वह हमारी तरह खेलता है।
       
सचिन की कहानी आंकडे कहते हैं। प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा के अनुसार तेंदुलकर सर्वश्रेष्ठ भारतीय हैं जिन्हें देवता या बॉलीवुड के सुपर स्टार जैसा दर्जा मिला हुआ है। सचिन ने जब पाकिस्तान में पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम का सामना किया तब भारत में टेलीविजन से जितने दर्शक चिपके थे। उनकी संख्या यूरोप की पूरी जनसंख्या से अधिक थी।
       
कवि और आलोचक सी पी सुदर्शन ने लिखा है, अमूमन बल्लेबाज अकेला मैदान में उतरता है, लेकिन जब तेंदुलकर मैदान में उतरते हैं तो पूरा राष्ट्र उनके साथ मैदान में उतरता है। बॉलीवुड फिल्म उद्योग की नगरी मुंबई में अपना घर नहीं छोड़ सके और लोगों ने उन्हें कभी घेरा नहीं। शायद इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना दबदबा बनाए रख सके।
       
अपने बचपन के आदर्श सुनील गावस्कर की तरह सचिन क्रीज पर संतुलित खड़े होते हैं और समान अधिकार से बैक और फ्रंट फुट पर खेलते है। उनके कट और ड्राइव भी शानदार होते हैं। सचिन जब अपने खेल के शीर्ष पर थे तो 12 महीने में उन्होंने पांच टेस्ट और नौ अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैचों में शतक जमाए।
       
दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर ऑस्ट्रेलिया का शेन वॉर्न जिसे विस्डन ने 20वीं सदी के पांच क्रिकेटरों में शामिल किया है। आज उस आदमी का गुणगान किया जो 1992 में एक किशोर के रुप में उसके सामने उतरा था। वॉर्न ने कहा कि पिछले 24 वर्ष जब तक वह खेले, टीम में उनके स्थान कभी खतरे में नहीं पड़ा। जब वह पहले मैदान में आए तो उनहोंने पर्थ और फिर सिडनी में शतक जमाया। इससे साबित हो गया था कि उसमें कुछ खास गुण है।

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