स्वदेशी तकनीक से निर्मित 5,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अंतर
महाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का रविवार को ओडिशा के व्हीलर द्वीप
से दूसरा सफल परीक्षण किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बारे में जानकारी संगठन के सूत्रों द्वारा दी गयी। सूत्रों ने बताया गया कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-5 को सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया और यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा।
व्हीलर द्वीप से अग्नि-5 का यह दूसरा प्रक्षेपण था, इससे पहले 19 अप्रैल को भी यहीं से इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था। इस सफल परीक्षण के बाद अंतर महाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण की क्षमता रखने वाले देशों अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के समूह में अब भारत भी शामिल हो गया है।
एक टन से ज्यादा परमाणु युद्धाग्र वहन करने की क्षमता रखने वाली यह अत्याधुनिक मिसाइल अपने युद्धाग्र से एक ही समय में अलग-अलग कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। अग्नि-5 पूरी अग्नि सीरीज की सबसे आधुनिक मिसाइल है, जिसमें अत्याधुनिक निगरानी तकनीक, इंजन, युद्धाग्र और नियंत्रण प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है।
अग्नि-5 से पहले सेना के अस्त्रों में अग्नि की चार मिसाइलें शामिल की जा चुकी हैं, जिसमें अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किलोमीटर, अग्नि-2 की लगभग 2,000 किलोमीटर, अग्नि-3 और चार की लगभग 3,000 किलोमीटर की मारक क्षमता है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बारे में जानकारी संगठन के सूत्रों द्वारा दी गयी। सूत्रों ने बताया गया कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-5 को सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया और यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा।
व्हीलर द्वीप से अग्नि-5 का यह दूसरा प्रक्षेपण था, इससे पहले 19 अप्रैल को भी यहीं से इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था। इस सफल परीक्षण के बाद अंतर महाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण की क्षमता रखने वाले देशों अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के समूह में अब भारत भी शामिल हो गया है।
एक टन से ज्यादा परमाणु युद्धाग्र वहन करने की क्षमता रखने वाली यह अत्याधुनिक मिसाइल अपने युद्धाग्र से एक ही समय में अलग-अलग कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। अग्नि-5 पूरी अग्नि सीरीज की सबसे आधुनिक मिसाइल है, जिसमें अत्याधुनिक निगरानी तकनीक, इंजन, युद्धाग्र और नियंत्रण प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है।
अग्नि-5 से पहले सेना के अस्त्रों में अग्नि की चार मिसाइलें शामिल की जा चुकी हैं, जिसमें अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किलोमीटर, अग्नि-2 की लगभग 2,000 किलोमीटर, अग्नि-3 और चार की लगभग 3,000 किलोमीटर की मारक क्षमता है।
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