Sunday, 29 September 2013

पहले मुर्गी या अंडा

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बादशाह अकबर के शाही दरबार की कार्यवाही स्थगित हो गई थी। सभी दरबारी और बादशाह जाने ही वाले थे कि तभी एक सुरक्षाकर्मी भागता हुआ आया और बोला, ‘महाराज, दक्षिण भारत से एक विद्वान पंडित अभी-अभी पधारे हैं। वह आपसे और बीरबल से तुरंत मिलने को उत्सुक हैं। वह इसी उद्देश्य से आगरा आए हैं।’ ‘इस प्रकार उन्हें प्रतीक्षा कराना उचित नहीं है। उन्हें तुरंत शाही दरबार में लाया जाये’, बाद
 
 बादशाह अकबर के शाही दरबार की कार्यवाही स्थगित हो गई थी। सभी दरबारी और बादशाह जाने ही वाले थे कि तभी एक सुरक्षाकर्मी भागता हुआ आया और बोला, ‘महाराज, दक्षिण भारत से एक विद्वान पंडित अभी-अभी पधारे हैं। वह आपसे और बीरबल से तुरंत मिलने को उत्सुक हैं। वह इसी उद्देश्य से आगरा आए हैं।’ ‘इस प्रकार उन्हें प्रतीक्षा कराना उचित नहीं है। उन्हें तुरंत शाही दरबार में लाया जाये’, बादशाह ने आदेश दिया। जैसे ही सुरक्षाकर्मी पंडित को लेने के लिए चला गया तो बादशाह बोले, ‘बीरबल, अब बहुत देर हो चुकी है और मैं बहुत थक गया हूं। तुम ही विद्वान पंडित से मिल लो और पता करो कि वह कहना क्या चाहते हैं?’ बीरबल ने सर हिलाकर हामी भर दी। पंडित के आने पर दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। पंडित ने बीरबल से कहा, ‘बीरबल, मैंने तुम्हारी बुद्धिमानी के विषय में बहुत कुछ सुना है, इसलिए तुम्हारी परीक्षा लेना चाहता हूं।’ बीरबल यह सुनकर मन ही मन मुस्कराए और बोले, ‘जरूर लीजिए परीक्षा।’ यह सुनकर पंडित बोले, ‘मुझे पहले ये बताओ कि मैं तुमसे सरल प्रश्न पूछूं या फिर कठिन प्रश्न?’
बीरबल ने सोचा कि महाराज तो थक चुके हैं और विश्राम के लिए जा चुके हैं, सो प्रश्न का जवाब देने का यह सही समय नहीं है। बीरबल ने कहा, ‘पंडित जी, आप सिर्फ एक कठिन प्रश्न पूछिए।’ पंडित ने कहा, ‘बीरबल, बताओ पहले क्या आता है, मुर्गी या अंडा?’ बीरबल ने तुरंत जवाब दिया, ‘मुर्गी, पंडित जी।’ ‘तुम कैसे कह सकते हो बीरबल?’ जवाब सुनकर पंडित जी ने कहा। ‘ओह, और प्रश्न नहीं पंडित जी, आपने वादा किया था कि केवल एक प्रश्न ही पूछेंगे। जो आप पूछ चुके हैं’, बीरबल ने कहा। पंडित जी बीरबल की चालाकी समझ चुके थे और बिना कुछ कहे वहां से चले गए। इसी तरह एक दिन बादशाह ने बीरबल से कहा, ‘बीरबल, क्या तुम जानते हो कि एक मूर्ख और ज्ञानी व्यक्ति में क्या अंतर है?’ ‘जी महाराज, मैं जानता हूं।’ बीरबल ने कहा। ‘क्या तुम विस्तार से बता सकते हो?’ अकबर ने पूछा। ‘महाराज, वह व्यक्ति जो अपनी बुद्धि का प्रयोग मुश्किल, चुनौतीपूर्ण तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में अपना नियंत्रण खोए बिना करता है, वह ज्ञानी होता है। परन्तु वह व्यक्ति जो प्रतिकूल परिस्थितियों को इस प्रकार सुलझाता है कि वे और प्रतिकूल हो जाती हैं, मूर्ख कहलाता है।’ बादशाह अकबर ने सोचा कि बीरबल कहना चाहता है कि पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही ज्ञानी होता है, क्योंकि उसे पता होता है कि कब किस समस्या का समाधान कैसे करना है।’ बीरबल के चतुर जवाब से बादशाह के दिल में उसका स्थान और पक्का हो गया।शाह ने आदेश दिया। जैसे ही सुरक्षाकर्मी पंडित को लेने के लिए चला गया तो बादशाह बोले, ‘बीरबल, अब बहुत देर हो चुकी है और मैं बहुत थक गया हूं। तुम ही विद्वान पंडित से मिल लो और पता करो कि वह कहना क्या चाहते हैं?’ बीरबल ने सर हिलाकर हामी भर दी। पंडित के आने पर दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। पंडित ने बीरबल से कहा, ‘बीरबल, मैंने तुम्हारी बुद्धिमानी के विषय में बहुत कुछ सुना है, इसलिए तुम्हारी परीक्षा लेना चाहता हूं।’ बीरबल यह सुनकर मन ही मन मुस्कराए और बोले, ‘जरूर लीजिए परीक्षा।’ यह सुनकर पंडित बोले, ‘मुझे पहले ये बताओ कि मैं तुमसे सरल प्रश्न पूछूं या फिर कठिन प्रश्न?’
बीरबल ने सोचा कि महाराज तो थक चुके हैं और विश्राम के लिए जा चुके हैं, सो प्रश्न का जवाब देने का यह सही समय नहीं है। बीरबल ने कहा, ‘पंडित जी, आप सिर्फ एक कठिन प्रश्न पूछिए।’ पंडित ने कहा, ‘बीरबल, बताओ पहले क्या आता है, मुर्गी या अंडा?’ बीरबल ने तुरंत जवाब दिया, ‘मुर्गी, पंडित जी।’ ‘तुम कैसे कह सकते हो बीरबल?’ जवाब सुनकर पंडित जी ने कहा। ‘ओह, और प्रश्न नहीं पंडित जी, आपने वादा किया था कि केवल एक प्रश्न ही पूछेंगे। जो आप पूछ चुके हैं’, बीरबल ने कहा। पंडित जी बीरबल की चालाकी समझ चुके थे और बिना कुछ कहे वहां से चले गए। इसी तरह एक दिन बादशाह ने बीरबल से कहा, ‘बीरबल, क्या तुम जानते हो कि एक मूर्ख और ज्ञानी व्यक्ति में क्या अंतर है?’ ‘जी महाराज, मैं जानता हूं।’ बीरबल ने कहा। ‘क्या तुम विस्तार से बता सकते हो?’ अकबर ने पूछा। ‘महाराज, वह व्यक्ति जो अपनी बुद्धि का प्रयोग मुश्किल, चुनौतीपूर्ण तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में अपना नियंत्रण खोए बिना करता है, वह ज्ञानी होता है। परन्तु वह व्यक्ति जो प्रतिकूल परिस्थितियों को इस प्रकार सुलझाता है कि वे और प्रतिकूल हो जाती हैं, मूर्ख कहलाता है।’ बादशाह अकबर ने सोचा कि बीरबल कहना चाहता है कि पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही ज्ञानी होता है, क्योंकि उसे पता होता है कि कब किस समस्या का समाधान कैसे करना है।’ बीरबल के चतुर जवाब से बादशाह के दिल में उसका स्थान और पक्का हो गया।

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