क्या एनसीपी से पीछा छुड़ाना चाहती है कांग्रेस? दो दिन के महाराष्ट्र
दौरे पर पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिमी महाराष्ट्र,
मराठवाड़ा और कोंकन क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के बीच कहा कि अगर कांग्रेस
अपने दम पर जीतती है तो उसे एनसीपी या किसी दूसरी पार्टी के सहारे की जरूरत
नहीं होगी. पुणे के शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 22 जिले से आए
कार्यकर्ताओं से राहुल आमने-सामने बैठकर बात कर रहे थे. इस बातचीत का
वीडियो हमें कांग्रेस के ही एक कार्यकर्ता से मिला है.
क्या कहा राहुल ने...
राहुल ने कहा, 'मैं आपसे ये समझना चाहता हूं कि बीसीसी प्रेसिडेंट पीसीसी कमेटी को क्या कुछ देता है? पीसीसी प्रेसिडेंट और बीसीसी कमेटी के क्या अधिकार होने चाहिए. ये नहीं कि अगर चाय पीनी है मौसम अच्छा है तो मिलेगी. बारिश हो रही है आंधी हो रही है यहां पर मिलेगी. अब उस अधिकार के लिए पीसीसी कमेटी क्या करेगी. अधिकार और जिम्मेदारी तय करनी होगी और जिस दिन आपने ये दोनों चीजें तय कर दी तो यहां पर ना ह में एनसीपी की जरूरत पड़ेगी और ना किसी और की.'
इससे पहले राहुल गांधी ने बुधवार को महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के जिला स्तर के पार्टी नेताओं से अलग अलग बैठकें कीं. इन बैठकों से वरिष्ठ कांगेसी नेताओं को दूर रखा गया. इन बैठकों में हिस्सा लेने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं से नामांकन आमंत्रित किए जाएंगे और उन पर एक-एक कर फैसला किया जाएगा.
एक पार्टी कार्यकर्ता ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मानिकराव ठाकरे वार्तास्थल पर मौजूद थे लेकिन वे चर्चा में शामिल नहीं हुए. एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, ‘राहुल ने ध्यान से हमारी समस्याएं सुनीं और हमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर सलाह दी.’ कांग्रेस कार्यकर्ता के अनुसार राहुल ने कहा कि जमीनी कार्यकर्ताओं की कांग्रेस संगठन में बड़ी भूमिका है. बैठकों में हिस्सा लेने वाले एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा, ‘राहुल ने कहा कि गुटबाजी पार्टी में एक बहुत बड़ी बाधा है और उन्होंने पार्टी नेतृत्व एवं कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर संवाद की जरूरत पर बल दिया.’
राहुल ने कहा, 'मैं आपसे ये समझना चाहता हूं कि बीसीसी प्रेसिडेंट पीसीसी कमेटी को क्या कुछ देता है? पीसीसी प्रेसिडेंट और बीसीसी कमेटी के क्या अधिकार होने चाहिए. ये नहीं कि अगर चाय पीनी है मौसम अच्छा है तो मिलेगी. बारिश हो रही है आंधी हो रही है यहां पर मिलेगी. अब उस अधिकार के लिए पीसीसी कमेटी क्या करेगी. अधिकार और जिम्मेदारी तय करनी होगी और जिस दिन आपने ये दोनों चीजें तय कर दी तो यहां पर ना ह में एनसीपी की जरूरत पड़ेगी और ना किसी और की.'
इससे पहले राहुल गांधी ने बुधवार को महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के जिला स्तर के पार्टी नेताओं से अलग अलग बैठकें कीं. इन बैठकों से वरिष्ठ कांगेसी नेताओं को दूर रखा गया. इन बैठकों में हिस्सा लेने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं से नामांकन आमंत्रित किए जाएंगे और उन पर एक-एक कर फैसला किया जाएगा.
एक पार्टी कार्यकर्ता ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मानिकराव ठाकरे वार्तास्थल पर मौजूद थे लेकिन वे चर्चा में शामिल नहीं हुए. एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, ‘राहुल ने ध्यान से हमारी समस्याएं सुनीं और हमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर सलाह दी.’ कांग्रेस कार्यकर्ता के अनुसार राहुल ने कहा कि जमीनी कार्यकर्ताओं की कांग्रेस संगठन में बड़ी भूमिका है. बैठकों में हिस्सा लेने वाले एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा, ‘राहुल ने कहा कि गुटबाजी पार्टी में एक बहुत बड़ी बाधा है और उन्होंने पार्टी नेतृत्व एवं कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर संवाद की जरूरत पर बल दिया.’
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