मुजफ्फरनगर, जागरण कार्यालय। जनपद में हिंसा के दौरान भाजपा की तरफ से
प्रधानमंत्री के तौर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम घोषित
होते ही मुस्लिमों का रुख बदल गया। अब सपा के बजाय मुस्लिम केंद्रीय स्तर
पर कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं। फिलहाल भाजपा के माहौल से कांग्रेस को
संजीवनी मिल गई है। इसका असर सोमवार को प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान
साफतौर पर देखने को मिला।
पढ़ें: मनमोहन-सोनिया ने बांटा पीड़ितों का दुख दर्द बांटा
पढ़ें: सबसे लोकप्रिय राजनेता और कुशल प्रशासक हैं मोदी
पढ़ें: मुजफ्फरनगर में अखिलेश के खिलाफ नारेबाजी
कांग्रेस की मुस्लिमों के साथ जुगलबंदी वेस्ट यूपी में काफी मजबूत थी, लेकिन सपा ने मुस्लिमों को लेकर कांग्रेस को कमजोर कर दिया। मुजफ्फरनगर में हिंसा के दौरान अधिक नुकसान को लेकर मुस्लिमों में सपा सरकार के खिलाफ गुस्सा है। इस दौरान भाजपा ने प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी को घोषित कर दिया। यहीं से मुस्लिमों का रुझान कांग्रेस की ओर मजबूत होने लगा।
पढ़ें: पीड़ित बोले- साहब सरकार बर्खास्त करें यूपी सरकार
सोमवार को मुस्लिमों के राहत शिविरों में कोई विरोध तक नहीं था। अपनी फरियाद सुनाने के लिए भी लोग कांग्रेस नेताओं को रहनुमा मान रहे थे। उनसे दंगों में हुई ज्यादती के लिए इंसाफ मांगा जा रहा था और उनके सामने ही मदद के लिए हाथ फैलाये जा रहे थे। एक माहौल यहां कांग्रेस के प्रति देखने को काफी समय बाद मिला।
बसी कलां कैंप में सलमा और रूबी ने बताया कि राहुल, सोनिया और प्रधानमंत्री हमसे मिले दुख की घड़ी में आए हैं तो वोट भी हम उन्हें ही देंगे। हमारी रक्षा अब कांग्रेस ही कर सकती है। हिंसा के बाद नरेंद्र मोदी की पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषणा होना और सपा के खिलाफ गुस्सा कांग्रेस के लिए संजीवनी बनता जा रहा है। शायद कांग्रेस के थिंक टैंक ने इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखकर मुजफ्फरनगर में मुस्लिमों का दुख दर्द बांटकर यहां आने का फैसला लिया।
पढ़ें: मनमोहन-सोनिया ने बांटा पीड़ितों का दुख दर्द बांटा
पढ़ें: सबसे लोकप्रिय राजनेता और कुशल प्रशासक हैं मोदी
पढ़ें: मुजफ्फरनगर में अखिलेश के खिलाफ नारेबाजी
कांग्रेस की मुस्लिमों के साथ जुगलबंदी वेस्ट यूपी में काफी मजबूत थी, लेकिन सपा ने मुस्लिमों को लेकर कांग्रेस को कमजोर कर दिया। मुजफ्फरनगर में हिंसा के दौरान अधिक नुकसान को लेकर मुस्लिमों में सपा सरकार के खिलाफ गुस्सा है। इस दौरान भाजपा ने प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी को घोषित कर दिया। यहीं से मुस्लिमों का रुझान कांग्रेस की ओर मजबूत होने लगा।
पढ़ें: पीड़ित बोले- साहब सरकार बर्खास्त करें यूपी सरकार
सोमवार को मुस्लिमों के राहत शिविरों में कोई विरोध तक नहीं था। अपनी फरियाद सुनाने के लिए भी लोग कांग्रेस नेताओं को रहनुमा मान रहे थे। उनसे दंगों में हुई ज्यादती के लिए इंसाफ मांगा जा रहा था और उनके सामने ही मदद के लिए हाथ फैलाये जा रहे थे। एक माहौल यहां कांग्रेस के प्रति देखने को काफी समय बाद मिला।
बसी कलां कैंप में सलमा और रूबी ने बताया कि राहुल, सोनिया और प्रधानमंत्री हमसे मिले दुख की घड़ी में आए हैं तो वोट भी हम उन्हें ही देंगे। हमारी रक्षा अब कांग्रेस ही कर सकती है। हिंसा के बाद नरेंद्र मोदी की पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषणा होना और सपा के खिलाफ गुस्सा कांग्रेस के लिए संजीवनी बनता जा रहा है। शायद कांग्रेस के थिंक टैंक ने इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखकर मुजफ्फरनगर में मुस्लिमों का दुख दर्द बांटकर यहां आने का फैसला लिया।
No comments:
Post a Comment