साल 2002 के हिट एंड रन केस के सिलसिले में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान पर
24 जुलाई को आरोप तय करने पर फैसला किया जाएगा। 24 तारीख को सलमान खान को
भी पेश होना होगा।
इससे पहले 24 जून को मुंबई की एक अदालत ने सलमान खान को बड़ा झटका देते हुए 2002 के हिट एंड रन मामले में उनके द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस चलेगा। अब अगर सलमान दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है। दरअसल, सलमान ने निचली अदालत के जज के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिन्होंने इसे हत्या नहीं, बल्कि सदोष मानवहत्या का कठोर मामला मानते हुए दोबारा सुनवाई के आदेश दिए थे। इस मसले पर बहस मई में पूरी हुई थी और सलमान के वकील अशोक मुंडार्गी ने निचली अदालत के आदेश को भ्रामक और कानून के मुताबिक गलत और दर्ज सुबूत के खिलाफ बताया था। मामला सेशंस कोर्ट तक पहुंचा और सुनवाई के दौरान खुली अदालत में फैसला लिखवाते हुए सत्र न्यायाधीश यूबी हेजिब ने कहा कि सलमान को गैर इरादतन हत्या के आरोपों का सामना करना चाहिए। सलमान के खिलाफ इससे पहले लापरवाही से मौत (आईपीसी की धारा 304 ए) के तहत हल्के आरोप के लिए मजिस्ट्रेट ने मुकदमा चलाया था। उसके तहत अधिकतम 2 साल के कारावास का प्रावधान है। सलमान ने 28 सितंबर, 2002 को तड़के मुम्बई के उपनगरीय इलाके बांद्रा में फुटपाथ पर सोए लोगों पर अपनी कार चढ़ा दी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे।
इससे पहले 24 जून को मुंबई की एक अदालत ने सलमान खान को बड़ा झटका देते हुए 2002 के हिट एंड रन मामले में उनके द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस चलेगा। अब अगर सलमान दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है। दरअसल, सलमान ने निचली अदालत के जज के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिन्होंने इसे हत्या नहीं, बल्कि सदोष मानवहत्या का कठोर मामला मानते हुए दोबारा सुनवाई के आदेश दिए थे। इस मसले पर बहस मई में पूरी हुई थी और सलमान के वकील अशोक मुंडार्गी ने निचली अदालत के आदेश को भ्रामक और कानून के मुताबिक गलत और दर्ज सुबूत के खिलाफ बताया था। मामला सेशंस कोर्ट तक पहुंचा और सुनवाई के दौरान खुली अदालत में फैसला लिखवाते हुए सत्र न्यायाधीश यूबी हेजिब ने कहा कि सलमान को गैर इरादतन हत्या के आरोपों का सामना करना चाहिए। सलमान के खिलाफ इससे पहले लापरवाही से मौत (आईपीसी की धारा 304 ए) के तहत हल्के आरोप के लिए मजिस्ट्रेट ने मुकदमा चलाया था। उसके तहत अधिकतम 2 साल के कारावास का प्रावधान है। सलमान ने 28 सितंबर, 2002 को तड़के मुम्बई के उपनगरीय इलाके बांद्रा में फुटपाथ पर सोए लोगों पर अपनी कार चढ़ा दी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे।
No comments:
Post a Comment