पहले भारत में 4-0 की ऐतिहासिक पराजय और फिर इंग्लैंड के हाथों
ऐशेज
2013 में हो रही दुर्दशा। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस समय संकट के दौर से गुजर रही
है।
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एक समय कंगारू अपनी बैंच स्ट्रैन्थ के लिए सबसे मशहूर थे अब वही टीम
रिकी पोटिंग, माइक हसी, ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वार्न जैसे दिग्गजों की
गैरमौजूदगी में साधारण सी टीम साबित हो रही है।
कंगारुओं को सबसे ज्यादा अखर रही है लीजेंड्री स्पिनर शेन वार्न की
कमी। वार्न के बाद ऑस्ट्रेलिया को अब तक एक भी क्वालिटी स्पिनर नहीं मिला
है जो टीम का सबसे बड़ा हथियार बनने की क्षमता रखता हो।
शेन वार्न की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि
ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड के अनुरोध पर हाल ही में सरकार ने वीजा पॉलिसी में
संशोधन कर पाकिस्तान में जन्मे स्पिनर फवाद आलम को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता
दे दी है।
अब ऑस्ट्रेलिया की निगाह एक और पाकिस्तानी टैलेंट पर लगी हुई है।
टैलेंट भी ऐसा जिसके रग-रग में स्पिन और क्रिकेट समाया हुआ है क्योंकि
इसके पापा अपने जमाने के सबसे दिग्गज स्पिनर जो हुआ करते थे।
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