नई दिल्ली।। बीजेपी
संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद आज उस टीम का ऐलान हो सकता है, जो चुनाव
अभियान समिति के मुखिया नरेंद्र मोदी को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों
में मदद करेगी। टीम के सदस्यों के नामों को लेकर नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से
विस्तार में चर्चा हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के पूर्व
अध्यक्ष नितिन गडकरी को दिल्ली का प्रभारी बनाए जाने के साथ-साथ अहम
जिम्मेदारी मिलने की तस्वीर भी आज साफ हो सकती है।
बीजेपी के शीर्षस्थ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने नरेंद्र मोदी को सारी कमान देने की बजाए चुनाव प्रचार की देख-रेख एक उच्च कमिटी को सौंपने का सुझाव पार्टी और आरएसएस को दिया था। आडवाणी की बात पूरी तरह तो नहीं मानी जा रही है, लेकिन उस बात को काफी कुछ मान लेने के संकेत हैं। चर्चाओं के मुताबिक, आज पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में चार बड़े नेताओं को देशभर का जिम्मा सौंपने पर सहमति बन सकती है।
राजनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी ओवरऑल काम देखेंगे, लेकिन चारों क्षेत्रों के इंचार्ज चार बड़े नेता बनाए जा सकते हैं। सुषमा स्वराज को पूर्वी भारत, अरुण जेटली को पश्चिम, वेंकैया नायडू को दक्षिण और नितिन गडकरी को उत्तर भारत में चुनाव अभियान का इंचार्ज बनाने की तैयारी है। इसी के साथ गडकरी को दिल्ली का प्रभारी भी बनाए जाने की तस्वीर भी आज साफ हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो गडकरी पर इस बात की जिम्मेदारी होगी कि वह दिल्ली और राजस्थान में बीजेपी को सत्ता में वापस लाने की रणनीति बनाएं।
बीजेपी के शीर्षस्थ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने नरेंद्र मोदी को सारी कमान देने की बजाए चुनाव प्रचार की देख-रेख एक उच्च कमिटी को सौंपने का सुझाव पार्टी और आरएसएस को दिया था। आडवाणी की बात पूरी तरह तो नहीं मानी जा रही है, लेकिन उस बात को काफी कुछ मान लेने के संकेत हैं। चर्चाओं के मुताबिक, आज पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में चार बड़े नेताओं को देशभर का जिम्मा सौंपने पर सहमति बन सकती है।
राजनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी ओवरऑल काम देखेंगे, लेकिन चारों क्षेत्रों के इंचार्ज चार बड़े नेता बनाए जा सकते हैं। सुषमा स्वराज को पूर्वी भारत, अरुण जेटली को पश्चिम, वेंकैया नायडू को दक्षिण और नितिन गडकरी को उत्तर भारत में चुनाव अभियान का इंचार्ज बनाने की तैयारी है। इसी के साथ गडकरी को दिल्ली का प्रभारी भी बनाए जाने की तस्वीर भी आज साफ हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो गडकरी पर इस बात की जिम्मेदारी होगी कि वह दिल्ली और राजस्थान में बीजेपी को सत्ता में वापस लाने की रणनीति बनाएं।
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