कांग्रेस महासचिव शकील अहमद के एक विवादास्पद ट्वीट पर सियासत जारी है.
हंगामा खड़ा होने के बाद सोमवार को शकील अहमद ने अपने ट्वीट पर सफाई दी.
उन्होंने ट्वीट किया, 'कोई भी समझदार व्यक्ति आईएम या किसी भी अन्य संगठन
के आतंकी करतूतों को सही नहीं ठहरा सकता. मैंने तो सिर्फ एनआईए की चार्जशीट
के एक हिस्से का जिक्र किया था जिसे मीडिया उठाता रहा है.'
पर ऐसा लगता है कि बीजेपी शकील अहमद की इस सफाई से संतुष्ट नहीं है. पार्टी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने एक बार फिर कांग्रेस नेता पर हमला किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'SIMI का गठन 1977 में हुआ और इस संगठन ने ISI के साथ मिलकर IM का गठन किया. वो लोग जो आंकड़ों से छेड़छाड़ कर रहे हैं, मधुबनी मॉड्यूल का अध्ययन किया जाना चाहिए!'
गौरतलब है कि शकील अहमद ने लिखा था कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'इंडियन मुजाहिदीन' का गठन गुजरात दंगों की वजह से हुआ.
शकील अहमद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर अपने पोस्ट में लिखा था, 'एनआईए ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन का गठन गुजरात दंगों (2002) के बाद हुआ, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी और आरएसएस अपनी सांप्रदायिक राजनीति नहीं छोड़ रही है.' जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. बीजेपी नेताओं ने शकील अहमद के ट्वीट को मूखर्तापूर्ण दलील करार दिया था.
पर ऐसा लगता है कि बीजेपी शकील अहमद की इस सफाई से संतुष्ट नहीं है. पार्टी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने एक बार फिर कांग्रेस नेता पर हमला किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'SIMI का गठन 1977 में हुआ और इस संगठन ने ISI के साथ मिलकर IM का गठन किया. वो लोग जो आंकड़ों से छेड़छाड़ कर रहे हैं, मधुबनी मॉड्यूल का अध्ययन किया जाना चाहिए!'
गौरतलब है कि शकील अहमद ने लिखा था कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'इंडियन मुजाहिदीन' का गठन गुजरात दंगों की वजह से हुआ.
शकील अहमद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर अपने पोस्ट में लिखा था, 'एनआईए ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन का गठन गुजरात दंगों (2002) के बाद हुआ, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी और आरएसएस अपनी सांप्रदायिक राजनीति नहीं छोड़ रही है.' जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. बीजेपी नेताओं ने शकील अहमद के ट्वीट को मूखर्तापूर्ण दलील करार दिया था.
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