नई दिल्ली। गीतांजलि हत्याकांड मामले में शुक्रवार को मामला
दर्ज होने के बाद शनिवार को गुड़गांव पुलिस ने जज रवनीत गर्ग से एसीपी ऑफिस
में शाम 7 बजे से लेकर रात करीब 11.30 तक पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि
इस पूछताछ के दौरान गीतांजलि के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित
कई सवाल सीजेएम से किए गए। वैसे इस मामले में रवनीत गर्ग के खिलाफ मामला
दर्ज होने के बाद रिपोर्ट चंडीगढ़ हाईकोर्ट को भेजी जा चुकी है। अगर
हाईकोर्ट इस मामले में अपनी मंजूरी दे देता है, तो गुड़गांव पुलिस जज रवनीत
सिंह को गिरफ्तार कर सकती है। शुक्रवार रात लगभग साढ़े 12 बजे लिखी गई
एफआईआर में यह बात साफ लिखी है कि स्पेशल रिपोर्ट चंडीगढ़ हाईकोर्ट के
अलावा सेशन जज, संबंधित मजिस्ट्रेट व संबंधित पुलिस अधिकारियों को भेजी जा
रही है। गुड़गांव के पुलिस अधिकारी ने बताया है कि आज वह रवनीत गर्ग के घर
के छानबीन करेंगे और आज फिर से सीजेएम को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। (गीतांजलि हत्याकांड : मासूम खोल सकती हैं राज)
पुलिस ने एफआईआर में यह भी माना है कि गीतांजलि की मौत को आत्महत्या करार देकर वह सीआरपीसी की धारा 174 सी के तहत पहले ही कार्रवाई कर चुकी है।
पत्नी गीतांजलि की हत्या के मामले की जांच कर रही एसआ
इटी टीम के सामने
नवनीत गर्ग ने अपना पक्ष रखा। इस मामले में शनिवार को पुलिस ने गीतांजलि की
सास-ससुर से भी पूछताछ की थी। पालम विहार स्थित एसीपी उद्योग अशोक बख्शी
के कार्यालय में उनसे पूछताछ शुरू हुई। इस दौरान सीजेएम ने कहा कि गीतांजलि
की मौत से उन्हें भी आघात पहुंचा है और सच सामने लाने में पुलिस की मदद
करेंगे।
गीतांजलि के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें उसकी दो मासूम बेटियों से नहीं मिलने दिया जा रहा है। उन्होंने का कि गीतांजलि की मौत के बाद उन्होंने कई बार बच्चियों से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया। इतना ही नहीं जब गीतांजलि की डेडबॉडी पंचकूला लाई गई, तब भी दोनों मासूमों को दूर रखा गया। गीतांजलि के भाई प्रदीप अग्रवाल, जीजा अमित जिंदल, जीजा राजीव बंसल व फुफेरे भाई ने सवाल उठाया है कि आखिर उन्हें बच्चियों से क्यों मिलने नहीं दिया जा रहा है। क्या वे ऐसा कुछ जानती हैं, जिससे पूरे मामले से पर्दा उठ सकता है। गीतांजलि और रवनीत गर्ग की एक बेटी तीन साल और दूसरी पांच साल की है। (सीजेएम रवनीत गर्ग पर दर्ज हुआ मुकदमा)
गीतांजलि के फुफेरे भाई राकेश गुप्ता ने कहा कि दाह-संस्कार के बाद भी हमने बच्चियों से मिलने के लिए कहा, लेकिन हमें नहीं मिलने दिया गया। आरोप लगाया गया है कि गीतांजलि के ससुराल वाले इस बात से डरे हैं कि बच्चियां लोगों को सच न बता दें।
पुलिस ने एफआईआर में यह भी माना है कि गीतांजलि की मौत को आत्महत्या करार देकर वह सीआरपीसी की धारा 174 सी के तहत पहले ही कार्रवाई कर चुकी है।
पत्नी गीतांजलि की हत्या के मामले की जांच कर रही एसआ
गीतांजलि के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें उसकी दो मासूम बेटियों से नहीं मिलने दिया जा रहा है। उन्होंने का कि गीतांजलि की मौत के बाद उन्होंने कई बार बच्चियों से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया। इतना ही नहीं जब गीतांजलि की डेडबॉडी पंचकूला लाई गई, तब भी दोनों मासूमों को दूर रखा गया। गीतांजलि के भाई प्रदीप अग्रवाल, जीजा अमित जिंदल, जीजा राजीव बंसल व फुफेरे भाई ने सवाल उठाया है कि आखिर उन्हें बच्चियों से क्यों मिलने नहीं दिया जा रहा है। क्या वे ऐसा कुछ जानती हैं, जिससे पूरे मामले से पर्दा उठ सकता है। गीतांजलि और रवनीत गर्ग की एक बेटी तीन साल और दूसरी पांच साल की है। (सीजेएम रवनीत गर्ग पर दर्ज हुआ मुकदमा)
गीतांजलि के फुफेरे भाई राकेश गुप्ता ने कहा कि दाह-संस्कार के बाद भी हमने बच्चियों से मिलने के लिए कहा, लेकिन हमें नहीं मिलने दिया गया। आरोप लगाया गया है कि गीतांजलि के ससुराल वाले इस बात से डरे हैं कि बच्चियां लोगों को सच न बता दें।
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