चार हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार करने वाली अग्नि-4 मिसाइल का परीक्षण अगले सप्ताह होने की संभावना है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट के पास किया जायेगा। अभी विकास प्रक्रिया से गुजर रही मिसाइल का यह तीसरा परीक्षण होगा। पहले के परीक्षणों में देश में ही विकसित रिंग लेजर जायरो आधारित आरआईएनएस सिस्टम और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम सफल पाये गये हैं। ये क्रमश: मिसाइल को सटीक निशाना लगाने में और सेल्फ गाइडेड मोड में उसके पथ निर्धारण में मदद करते हैं। मिसाइल अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। तुलनात्मक रूप से हल्का होने के कारण इसकी मारक क्षमता बढ़ जाती है। यह अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से लैस है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट के पास किया जायेगा। अभी विकास प्रक्रिया से गुजर रही मिसाइल का यह तीसरा परीक्षण होगा। पहले के परीक्षणों में देश में ही विकसित रिंग लेजर जायरो आधारित आरआईएनएस सिस्टम और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम सफल पाये गये हैं। ये क्रमश: मिसाइल को सटीक निशाना लगाने में और सेल्फ गाइडेड मोड में उसके पथ निर्धारण में मदद करते हैं। मिसाइल अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। तुलनात्मक रूप से हल्का होने के कारण इसकी मारक क्षमता बढ़ जाती है। यह अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से लैस है।
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