सर्वोच्च न्यायलय, राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के चुनावों पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश एन.एम. कास्लीवाल की रिपोर्ट का खुलासा करेगा।
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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के आरसीए
के अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़े होने के बाद आरसीए का यह चुनाव विवादों
में घिर गया है।
न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे और न्यायमूर्ति एम. वाई. इकबाल की पीठ ने 6 जनवरी
को अपने फैसले में कहा था कि वे इस मुद्दे से जुड़े सभी मामलों की अगली
सुनवाई 17 जनवरी को करेंगे।
वरिष्ठ वकील सी. ए. सुंदरम ने न्यायालय को बताया था कि भारतीय क्रिकेट
कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी मोदी के नामांकन को चुनौती दी है।
आरसीए के पूर्व सचिव किशोर रूंगटा द्वारा राजस्थान खेल अधिनियम-2005 को
चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई स्थगित किए जाने के बाद न्यायालय ने ये
आदेश दिए थे।
मोदी के समर्थकों ने मोदी के आरसीए के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के समर्थन
में इसी अधिनियम की दलील दी थी। आरसीए के चुनाव बीते वर्ष 19 दिसंबर को
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त निरीक्षक कास्लीवाल की निगरानी में
संपन्न हुए।
बीसीसीआई द्वारा आजीवन निलंबित मोदी को आरसीए के चुनाव से दूर रखने के
निर्देश को आरसीए ने खारिज कर दिया, जिसके बाद मोदी आरसीए के अध्यक्ष पद के
लिए खड़े हुए थे।
बीसीसीआई ने मोदी को आईपीएल का 2008 से 2010 के बीच कमिश्नर रहने के दौरान
हुई वित्तीय अनियमितता के आरोप में 2013 में जीवनर्पयत के लिए निलंबित कर
दिया था।
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