दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सोमवार से गृह मंत्रालय के बाहर
प्रस्तावित धरने को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
किये हैं। दिल्ली पुलिस ने रवि
वार को नई दिल्ली क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगा
दी है। इसके चलते किसी भी इलाके में पांच से अधिक व्यक्ति एक साथ इकठ्ठे
नहीं चल सकते।
दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी रंजन भगत ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अर्न्तगत नई दिल्ली जिले में निषेधाज्ञा लागू की गई है, इस दौरान यदि किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई समस्या है तो वह वहां के स्थानीय थानाधिकारी से या स्थानीय पुलिस के उपायुक्त से सम्पर्क कर सकता है, बजाय इसके कि वह विरोध प्रदर्शन आदि करें। दिल्ली पुलिस ने यह कदम गणतंत्र दिवस के मद्देनजर एहतियात के तौर पर उठाए हैं, हालांकि 26 जनवरी में अभी छह दिन बाकी हैं। शुक्रवार को केजरीवाल ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात कर मांग की थी कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती के साथ दिल्ली पुलिस के अधिकारी द्वारा सहयोग न करने के लिये उन पर कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय है कि भारती ने दक्षिणी दिल्ली में चल रहे एक कथित वेश्वावृत्ति रैकेट के खिलाफ दिल्ली पुलिस का सहयोग मांगा था। आम आदमी पार्टी सरकार ने उस पुलिसकर्मी के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की है जिसने पश्चिमी दिल्ली के सागरपुर इलाके में दिल्ली की महिला एवं बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला से बदसलूकी की थी। पिछले मंगलवार को डैनमार्क की एक पयर्टक के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले से दिल्ली पुलिस जिस तरह निपटी थी ,उस पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी आपत्ति जतायी है। बैठक के बाद आप सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ और आप के विधान सभा सदस्यों के साथ सोमवार से गृह मंत्रालय के बाहर धरने पर बैठेंगे। उनका यह धरना मालवीय नगर के थानाधिकारी, दो सहायक उपायुक्त को निलंबित नहीं करने को लेकर दिया जा रहा है। इन अधिकारियों ने कथित तौर पर चल रहे सेक्स और ड्रग्स रेकिट के खिलाफ किसी कार्यवाही से इंकार कर दिया था। दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों को बताया कि यदि सरकार ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के निलबंन की उनकी मांग को नहीं माना तो वे सोमवार सुबह 11 बजे से गृहमंत्री के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगे।
दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी रंजन भगत ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अर्न्तगत नई दिल्ली जिले में निषेधाज्ञा लागू की गई है, इस दौरान यदि किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई समस्या है तो वह वहां के स्थानीय थानाधिकारी से या स्थानीय पुलिस के उपायुक्त से सम्पर्क कर सकता है, बजाय इसके कि वह विरोध प्रदर्शन आदि करें। दिल्ली पुलिस ने यह कदम गणतंत्र दिवस के मद्देनजर एहतियात के तौर पर उठाए हैं, हालांकि 26 जनवरी में अभी छह दिन बाकी हैं। शुक्रवार को केजरीवाल ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात कर मांग की थी कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती के साथ दिल्ली पुलिस के अधिकारी द्वारा सहयोग न करने के लिये उन पर कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय है कि भारती ने दक्षिणी दिल्ली में चल रहे एक कथित वेश्वावृत्ति रैकेट के खिलाफ दिल्ली पुलिस का सहयोग मांगा था। आम आदमी पार्टी सरकार ने उस पुलिसकर्मी के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की है जिसने पश्चिमी दिल्ली के सागरपुर इलाके में दिल्ली की महिला एवं बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला से बदसलूकी की थी। पिछले मंगलवार को डैनमार्क की एक पयर्टक के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले से दिल्ली पुलिस जिस तरह निपटी थी ,उस पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी आपत्ति जतायी है। बैठक के बाद आप सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ और आप के विधान सभा सदस्यों के साथ सोमवार से गृह मंत्रालय के बाहर धरने पर बैठेंगे। उनका यह धरना मालवीय नगर के थानाधिकारी, दो सहायक उपायुक्त को निलंबित नहीं करने को लेकर दिया जा रहा है। इन अधिकारियों ने कथित तौर पर चल रहे सेक्स और ड्रग्स रेकिट के खिलाफ किसी कार्यवाही से इंकार कर दिया था। दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों को बताया कि यदि सरकार ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के निलबंन की उनकी मांग को नहीं माना तो वे सोमवार सुबह 11 बजे से गृहमंत्री के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगे।
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