मेसियर 67 तारा समूह में कक्षा की परिक्रमा करने वाले तीन नए एक्सोप्लानेट
(सौ
रमंडल में पृथ्वी की तुलना में तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रह) पाए गए
हैं और उनमें से एक तारा ऐसा है जो लगभग सूर्य की तरह लग रहा है। यह
जानकारी यूरोपियन साउदर्न ऑब्र्वेटरी (इएसओ) अधिकारियों ने दी।
चिली के लासिला ऑब्जर्वेटरी में दुनिया के अन्य टेलीस्कोपों के साथ ईसओ के नए हारप्स (एचएआरपीएस) टेलीस्कोप के प्रयोग से हुआ यह अन्वेषण मुख्य है, क्योंकि सौर्यमंडल के बाहर अभी तक 1000 से ज्यादा एक्सोप्लानेट पाए गए हैं, लेकिन उनमें बहुत की कम ऐसे हैं जो तारा समूह में स्थित हैं। जर्मनी के मैक्स इंस्टीट्यूट फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल फिजिक्स के साथ अध्ययन की लेखिका एना ब्रुसालेसी ने एक बयान में कहा कि मेसियर 67 तारा समूह में तारे लगभग समान उम्र के हैं और उनकी संरचना लगभग सूर्य जैसी है। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले पर्यावरण में जानें कितने ग्रह बने चाहे वह बहुत बड़े या कम बड़े ग्रह हों। इन सबके अध्ययन ने इसे एक उत्तम प्रयोगशाला बना दिया है। लगभग 500 तारों वाला समूह मेसियर67 हमारी आकाशगंगा में पृथ्वी से लगभग 2500 प्रकाशवर्ष की दूरी पर कर्क नक्षत्र में स्थित है। अध्ययन के दौरान बाहर के ग्रह भी पाए गए, जिनमें से दो ग्रह सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा करते पाए गए। पहले दो एक्सोप्लानेट्स का द्रव्यमान बृहस्पति ग्रह के द्रव्यमान का एक तिहाई और दोनों क्रमश: अपने तारे का चक्कर सात और पांच दिनों में पूरा कर लेते हैं जबकि तीसरा ग्रह बृहस्पति ग्रह से बड़ा है और 122 दिनों में अपनी परिक्रमा पूरी करता है। ईएसओ अधिकारियों ने बताया कि सभी तीनों ग्रहों की कक्षाएं अपने मेजबान तारों से काफी करीब हैं। शोध दल ने सत्यापित किया है कि पहले ग्रह का मेजबान तारा, अभी तक सूर्य के समान पाए गए तारों में से एक है।
चिली के लासिला ऑब्जर्वेटरी में दुनिया के अन्य टेलीस्कोपों के साथ ईसओ के नए हारप्स (एचएआरपीएस) टेलीस्कोप के प्रयोग से हुआ यह अन्वेषण मुख्य है, क्योंकि सौर्यमंडल के बाहर अभी तक 1000 से ज्यादा एक्सोप्लानेट पाए गए हैं, लेकिन उनमें बहुत की कम ऐसे हैं जो तारा समूह में स्थित हैं। जर्मनी के मैक्स इंस्टीट्यूट फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल फिजिक्स के साथ अध्ययन की लेखिका एना ब्रुसालेसी ने एक बयान में कहा कि मेसियर 67 तारा समूह में तारे लगभग समान उम्र के हैं और उनकी संरचना लगभग सूर्य जैसी है। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले पर्यावरण में जानें कितने ग्रह बने चाहे वह बहुत बड़े या कम बड़े ग्रह हों। इन सबके अध्ययन ने इसे एक उत्तम प्रयोगशाला बना दिया है। लगभग 500 तारों वाला समूह मेसियर67 हमारी आकाशगंगा में पृथ्वी से लगभग 2500 प्रकाशवर्ष की दूरी पर कर्क नक्षत्र में स्थित है। अध्ययन के दौरान बाहर के ग्रह भी पाए गए, जिनमें से दो ग्रह सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा करते पाए गए। पहले दो एक्सोप्लानेट्स का द्रव्यमान बृहस्पति ग्रह के द्रव्यमान का एक तिहाई और दोनों क्रमश: अपने तारे का चक्कर सात और पांच दिनों में पूरा कर लेते हैं जबकि तीसरा ग्रह बृहस्पति ग्रह से बड़ा है और 122 दिनों में अपनी परिक्रमा पूरी करता है। ईएसओ अधिकारियों ने बताया कि सभी तीनों ग्रहों की कक्षाएं अपने मेजबान तारों से काफी करीब हैं। शोध दल ने सत्यापित किया है कि पहले ग्रह का मेजबान तारा, अभी तक सूर्य के समान पाए गए तारों में से एक है।
No comments:
Post a Comment