Wednesday, 11 September 2013

कपिल सिब्बल ने डीओटी को फटकार लगाई

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केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बुध वार को दूरसंचार कंपनियों पर काफी अधिक जुर्माना लगाने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) को फटकार लगाई और उसे दो महीने के अंदर उन कंपनियों के साथ मामले सुलझाने के लिए कहा।
इस उद्योग के कारोबारियों से एक खुली चर्चा के बाद उन्होंने कहा, ''जुर्माने का मुद्दा गंभीर है। मैं पिछले दो सालों से इस बारे में बोल रहा हूं। मैं अपने मंत्रालय के अधिकारियों को लगातार समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि इस संबंध में वाजिब नजरिया रखें। हर छोटे मुद्दे पर वे 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा देते हैं। यह बिल्कुल वाजिब नहीं है।'' उन्होंने कहा कि यदि डीओटी अपनी चाल नहीं बदलेगा, तो वह जुर्माना लगाने का अधिकार भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को दे देंगे। डीओटी ने जून में भारती एयरटेल पर 650 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया था। यह जुर्माना 2003 से 2005 के बीच 13 सेवा क्षेत्रों में रोमिंग नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया था। सिब्बल ने कहा, ''इससे उद्योग को नुकसान पहुंचा है। सरकार को कोई राजस्व नहीं मिल पाता है, क्योंकि ऐसे जुर्मानों पर स्थगनादेश मिल जाता है।'' उन्होंने कहा, ''वे पूंजी नहीं जुटा सकते हैं, वे निवेशकों से निवेश नहीं हासिल कर पाते हैं। इससे राष्ट्रहित का नुसकसान होता है। सरकारी अधिकारी कैसे ऐसा काम कर सकते हैं, जिससे राष्ट्र हित का नुकसान हो।'' सिब्बल ने कहा, ''मुझे विश्वास है कि मेरे मंत्रालय के अधिकारी हर संवाद में विवेक का इस्तेमाल करेंगे और खामी की प्रकृति के अनुरूप जुर्माना लगाएंगे। यदि वे ऐसा नहीं करेंगे। यदि मैंने इस दिशा में कोई सुधार नहीं देखा। तो मुझे यह अधिकार ट्राई को देना पड़ेगा।'' जुलाई में डीओटी ने वोडाफोन पर 549 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना 11 सेवा क्षेत्रों में समझौते के तहत 3जी स्पेक्ट्रम का उपयोग करने के लिए लगाया था, जिसे दूसरी कंपनी को आवंटित किया गया था। मंत्री ने कहा कि इस माह के आखिर तक इस क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण की नीति की घोषणा कर दी जाएगी।

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