Wednesday, 4 September 2013

प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता के मामले में भारत फिसला

Krishanarao
बाजार में प्रतिस्पर्धा की क्षमता के मामले में भारत 60वीं पायदान पर पहुंच गया है। एक ताजा रैंकिंग में स्विटजरलैंड को सर्वोच्च प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता वाला देश बताया गया है।
   
स्विटजरलैंड के विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा नियमित रूप से जारी की जाने वाली इस सूची में भारत पहली बार इतने नीचे गया है और चीन से 31 पायदान नीचे है। 2006 में यह अंतर केवल आठ पायदान का था। सूची में इंडोनेशिया 38वें स्थान पर है और इस देश ने 2006 के बाद अपनी प्रतिस्पर्धा क्षमता में जबरदस्त सुधार दिखाया है।
   
सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रपट के बारे में जारी रपट 2013-14 में जिनीवा के वैश्विक आर्थिक मंच ने आज कहा कि लगातार नये नये प्रयोग करने वाले और शक्तिशाली संस्थान रखने वाले देशों में वाले अधिक से अधिक नव-प्रवर्तन करने वाले देशों ने सूची में अपना उच्च स्थान बरकरार रखा है।
   
स्विटजरलैंड 5 साल से शीर्ष स्थान पर है, अमेरिका चार साल तक फिसलने के बाद इस बार अपनी स्थिति में सुधार कर पांचवें स्थान पर काबिज हुआ है। जापान भी उठ कर नौवें स्थान पर आ गया है। सूची में सिंगापुर और फिनलैंड क्रमश: दूसरे और तीसरे तथा जर्मनी दो पायदान चढ़ कर चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
  
दो अन्य एशियाई देश हांगकांग एसएआर (सातवें) और जापान (नौवें) ने भी 148 देशों की इस रैंकिंग में प्रथम 10 में स्थान स्थान बनाया है। सूची में स्वीडन छठें, नीदरलैंड्स 8वें तथा ब्रिटेन 10वें स्थान पर है।
  
भारत के बारे में इस रपट में कहा गया है कि देश को प्रतिस्पर्धात्मकता को मदद करने वाले मूल तत्वों के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है।
  
रपट में कहा गया देश की परिवहन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और उर्जा बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है और अर्थव्यवस्था की जरूरत के अनुरूप नहीं है। डब्ल्यूईएफ ने कहा है कि, पिछले कुछ वर्षों में देश में चारो तरफ सुधार हुआ है पर सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं का स्तर खराब है और यह इससे देश की उत्पादकता भी कम है।

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