Thursday, 2 January 2014

दिल्ली पुलिस के लिए मिला-जुला रहा पिछला साल

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बीता साल दिल्ली पुलिस के लिए मिला-जुला रहा, जहां आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग मामले का भंडाफोड़ हुआ और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा को गिरफ्तार किया गया, व हीं महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
   
अप्रैल में पूर्वी दिल्ली में पांच साल की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना ने पुलिस विरोधी प्रदर्शनों को और तेज कर दिया। एक अस्पताल में प्रदर्शन कर रही लड़की को दिल्ली पुलिस के एक सहायक आयुक्त द्वारा थप्पड़ मारने की घटना ने दिल्ली पुलिस के लिए अप्रिय स्थिति पैदा कर दी।
   
साल 2013 में दिल्ली पुलिस को नये प्रमुख मिले। 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी भीम सैन बस्सी ने नीरज कुमार की जगह पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी संभाली। नीरज कुमार का कार्यकाल बहुत उतार-चढ़ाव वाला रहा।
   
दिल्ली पुलिस कुछ और बड़ी घटनाओं को लेकर भी सुर्खियों में रही। जुलाई में पुलिस की गोलीबारी में एक बाइकर युवक की मौत और मार्च में संदिग्ध हिज्बुल आतंकवादी लियाकत शाह की गिरफ्तारी तथा दिसंबर में लश्कर के सदस्य शाहिद की गिरफ्तारी ने पुलिस को खबरों में रखा।
   
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने प्रवचन करने वाले आसाराम के बेटे नारायण साई को भी पिछले साल ही गिरफ्तार किया। 2,200 करोड़ रपये के स्पीक एशिया घोटाले के कर्ताधर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया जिसमें करीब 24 लाख भारतीयों के साथ धोखाधड़ी हुई।
   
पिछले साल नगदी वाहनों को लूटने के और रसूखदार लोगों द्वारा अपनी नौकरानियों को प्रताडिम्त करने के भी कुछ मामले सामने आये। अपनी नौकरानी की कथित तौर पर हत्या करने के ऐसे ही एक मामले में बसपा सांसद धनंजय सिंह और उनकी पत्नी जाग्रति को गिरफ्तार किया गया। यह घटनाक्रम राष्ट्रीय खबरों में बना रहा।
   
साल 2013 के जाते-जाते कुछ पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के भी मामले सामने आये जो या तो अवैध आचरण के कारण घेरे में आये या अपने पदों का दुरपयोग कर रहे थे। महिलाओं की सुरक्षा के मामले में आलोचनाओं से घिरी दिल्ली पुलिस ने हेल्पलाइन शुरू करने और थानों में सहायता डेस्क बनाने जैसे कुछ कदम उठाये।
   
पिछले साल बलात्कार के मामलों की संख्या पिछले 13 सालों में सर्वाधिक थी।

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