Friday, 3 January 2014

भाजपा का पलटवार- देश ने पीएम को नकारा, मोदी पर बरसे थे मनमोहन

भाजपा का पलटवार- देश ने पीएम को नकारा, मोदी पर बरसे थे मनमोहन
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बने तो देश तबाह हो जाएगा। इसके जवाब में शुक्रवार दोपहर भाजपा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस बुलाकर पीएम और कांग्रेस पर हमला बोला।राज्‍यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने मनमोहन सरकार को पूरी तरह विफल करार दिया। जेटली ने शुक्रवार को बुलाई गई मनमोहन की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को औपचारिकता बताया।
 
उन्‍होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्‍टाचार मनमोहन सरकार की देन हैं और देश को तबाह करने के लिए ये तीनों काफी हैं। उन्‍होंने भ्रष्‍टाचार पर मनमोहन के तर्क को बेतुका बताया। जेटली ने कहा कि खुद मनमोहन ने अपनी नाकामी कबूल की हैं। उन्‍होंने कहा कि पीएम के नेतृत्‍व को देश नकार चुका है। उन्‍होंने कहा कि पीएम ने मोदी के बारे में जो भी कहा वह उनके पद की गरिमा के खिलाफ है। 
 
इससे पहले मनमोहन सिेह ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वे अगले प्रधानमंत्री को सत्ता सौंपने को तैयार हैं। उनके इस बयान का यही मतलब निकाला जा रहा है कि उन्होंने खुद को अगली बार प्रधानमंत्री पद की रेस से खुद को अलग कर लिया है। शुक्रवार को नेशनल मीडिया सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पीएम से उनके रिटायरमेंट प्लान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अभी मैंने इसके बारे में नहीं सोचा है। अभी हमारे पास पांच महीने काम करने का समय है। हम इस वक्त का भरपूर इस्तेमाल करना चाहते हैं।' यूपीए सरकार का कार्यकाल मई, 2014 में पूरा हो जाएगा।
 
इस मौके पर मोदी के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि देश का अगला प्रधानमंत्री यूपीए गठबंधन का होगा। अगर मोदी प्रधानमंत्री बने तो यह देश को बर्बाद कर देने वाला फैसला होगा।'  2002 के गुजरात दंगों की तरफ इशारा करते हुए मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी पर हमला किया। उन्होंने कहा,  'अहमदाबाद की सड़कों पर कत्ल-ए-आम हुआ था।' राहुल गांधी की पीएम की उम्मीदवारी पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने के गुण हैं।' बीजेपी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'नरेंद्र मोदी का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा।' इस्तीफे के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी ऐसा करने को नहीं कहा और उन्होंने खुद कभी इसके बारे में नहीं सोचा। 
 
 कम बोलने या न बोलने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें जब भी जरुरत महसूस होती है वे बोलते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के मंच पर वे बोलते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने दफ्तर का इस्तेमाल रिश्तेदारों के लिए नहीं करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोनिया गांधी के साथ उनका तालमेल अच्छा रहा है। पाकिस्तान न जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान जाने के बारे में कई बार सोचा, लेकिन जा नहीं पाए। 
 
कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के एक इशारे पर सरकार के तुरंत काम करने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'यह किसी भी सरकार के लिए अच्छी बात होती है कि पार्टी के नेताओं के हिसाब से सरकार की नीतियां तय हों। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुश्किल वक्त में सरकार की मदद की। कुछ मुद्दों पर दोनों से मतभेद भी रहा।' 
 
अपनी सरकार की नकारात्मक छवि के सवाल पर मनमोहन सिंह ने कहा, 'मेरी ताकत या कमजोरी का फैसला मैं नहीं कर सकता। इसका फैसला इतिहास लिखने वाले करेंगे। विपरीत हालात के चलते कई बार सरकार कमजोर दिखी है।' राहुल गांधी के सरकार में शामिल न होने पर उन्होंने कहा, 'मैं उनसे सरकार में शामिल होने के बारे में कई बार कह चुका हूं। लेकिन राहुल को लगता है कि उनका पार्टी के लिए काम करना ज्यादा सही है।'
 
इससे पहले अपने बयान में पीएम ने कहा कि आगे देश के लिए अच्छा समय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक मंदी का असर भारत पर भी हुआ है। उनके मुताबिक, हम सबको मिलकर विकास करना होगा। हमें लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर मनमोहन सिंह ने यूपीए सरकार की विकास को आगे बढ़ाने से लेकर शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में किए गए कामों को तारीफ करते हुए अपनी सरकार की पीठ थपथपाई। मनमोहन सिंह ने कहा कि चुनाव के नतीजों से हम सबक सीखेंगे। हालांकि, उन्होंने महंगाई और रोजगार के मौके न बढ़ा पाने की बात भी कही। पीएम ने कहा, 'बढ़ती महंगाई देश के लिए चिंता का विषय है। भ्रष्टाचारियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।' उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल को एनडीए की सरकार से बेहतर बताया।
 
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए तैयार नहीं थे लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की गुजारिश पर वह जनता को सफाई देने के लिए मजबूरी में तैयार हुए।

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