Friday, 3 January 2014

भारत के साथ संबंध आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित: अमेरिका

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अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ओबामा प्रशासन का ध्यान भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है, जबकि वरिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में स्थानांतरित किए जाने पर कागजी कार्यवाही की समीक्षा हो रही है।
   
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मैरी हर्फ ने कल कहा, विदेश विभाग में हमारा ध्यान जिस चीज पर केंद्रित है, वह द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि देवयानी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया राजनयिक प्रक्रिया से अलग है।
   
हर्फ ने कहा, हमारा ध्यान इस संबंध को आगे ले जाने, सभी मुददों पर साथ मिलकर काम करने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि हम उनसे बात कर रहे हैं कि द्विपक्षीय संबंधों को किस तरह आगे ले जाया जाए। न्यूयॉर्क का दक्षिणी जिला और न्याय विभाग कानूनी पहलू के प्रभारी हैं।
   
न्यूयॉर्क में भारत की उप महावाणिज्य दूत एवं 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी देवयानी खोबरागड़े को अपनी नौकरानी संगीता रिचर्ड के वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें 2,50,000 डॉलर के मुचलके पर रिहा कर दिया गया था।
   
गिरफ्तारी के समय देवयानी के साथ हुए व्यवहार को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी और जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी राजनयिकों के विशेषाधिकारों को कम करने सहित कई कदम उठाए थे। हर्फ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में देवयानी के तबादले के संबंध में अमेरिका अभी भी कागजी कार्यवाही की समीक्षा कर रहा है।
   
उन्होंने कहा कि हमें यह (संबंधित कागजात) 20 दिसंबर को मिला। इसकी समीक्षा की जा रही है। हम भविष्वाणी नहीं कर सकते कि समीक्षा कब तक पूरी होगी और इसकी तुलना पिछले आग्रहों से नहीं की जा सकती क्योंकि हर चीज भिन्न होती है तथा हम प्रत्येक का मूल्यांकन उसके गुण दोष के आधार पर करते हैं।

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