कांग्रेस ने अपने विधायकों के लिए व्हिप नहीं जारी किया है, जबकि भाजपा ने ऐसा कर दिया है। हालांकि, पार्टी विश्वास मत के खिलाफ मतदान करेगी। व्हिप जारी करने का मतलब है विधायकों को सदन में मौजूद रहने का निर्देश देना। आम तौर पर विश्वास मत या अहम मसलों पर मतदान के लिए पार्टियां व्हिप जारी करती हैं।
सिसोदिया समेत चार मंत्री और तीन विधायक विश्वास मत पर अपना पक्ष विधानसभा में रखेंगे। ‘आप’ को अपना पक्ष रखने के लिए 80 मिनट का समय दिया गया है। इतना ही समय कांग्रेस और भाजपा को भी दिया गया है। व्हिप नहीं जारी करने के बावजूद विधानसभा में केजरीवाल सरकार के विश्वास मत हासिल करने से पहले कांग्रेस ने आज साफ कर दिया कि वह ‘आप’ सरकार को अपना समर्थन जारी रखेगी और फैसले की समीक्षा करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि हमने बाहर से आप सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है और हम उसकी समीक्षा नहीं कर रहे हैं। हम अपने फैसले पर कायम हैं। हमारी तरफ से सरकार को कोई खतरा नहीं है।
दिल्ली विधानसभा में ‘आप’ के विश्वास मत पर अगर विपक्ष को आपत्ति होगी तो वह अपना विरोध दर्ज कराएंगे। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर सभी विधायकों को वोट डालने के लिए कहेंगे। इस वोटिंग में अगर ‘आप’ की सरकार को 36 वोट नहीं मिलेंगे, तो सरकार गिर जाएगी। वहीं भाजपा के विधायक दल के नेता हर्षवर्धन ने व्हिप जारी करके ‘आप’ के विश्वास मत के खिलाफ वोट करने को कहा है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी के नेता जगदीश मुखी ने स्पीकर पद के लिए आज नामाकंन भर दिया है। दिल्ली विधानसभा के स्पीकर पद के लिए कल मतदान होना है। भाजपा ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी करके ये जानकारी दे दी है। इसकी दूसरी तरफ दिल्ली कांग्रेस लेजिस्लेचर पार्टी मीटिंग दोपहर डेढ़ बजे होगी, जिसमें स्पीकर के चुनाव को लेकर रणनीति तय की जाएगी।
जानिए दिल्ली विधानसभा का अंक गणित
आप के 70 सदस्यीय विधानसभा में 28 विधायक हैं और विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 36 विधायकों की जरूरत होगी। इसके लिए उसे आठ विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। कांग्रेस के जहां आठ विधायक हैं। वहीं भाजपा और उसके सहयोगी अकाली दल को मिलाकर कुल 32 विधायक हैं। जद यू के एक मात्र विधायक ने केजरीवाल सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है जबकि एक निर्दलीय विधायक है।
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