नई दिल्ली. कांग्रेस संगठन के नए पदाधिकारियों के साथ दो
दिनों पहले राहुल गांधी ने पहली बार औपचारिक तौर पर मुलाकात करते हुए साफ
कर दिया था कि उन्हें जिम्मेदारी दी जा चुकी है और अब काम का हिसाब किताब
लिया जाएगा। राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस के महासचिव राज्यों के लिए
'रोडमैप' तैयार करें और योजना के मुताबिक सचिव जिलों और ब्लॉकों का दौरा
करें। कांग्रेस के सचिव राहुल गांधी के साथ पूर्व में हुई मुलाकातों में
ज्यादा जिम्मेदारी न होने की शिकायत करते रहे हैं। शायद यही वजह है कि
राहुल गांधी ने सचिवों को जिम्मेदारी सौंपी है।
राहुल गांधी अगले लोकसभा चुनावों की तैयारियों में कुछ भी ढीला ढाला
नहीं छोड़ना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने कांग्रेस के 13 सचिवों
का चुनाव खुद किया है। माना जा रहा है कि ये सभी सचिव कांग्रेस की आम
चुनावों को लेकर रणनीति का अहम हिस्सा हैं। इनमें से तीन सचिव राहुल गांधी
के साथ काम कर रहे हैं। कांग्रेस के इन 13 सिपाहियों में सब्जी बेचने वाले
के बेटे से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री के पोते और रेलवे स्टॉक वैरिफायर के
बेटे तक शामिल हैं। इनमें से एक-दो को छोड़कर कोई भी सचिव बड़े सियासी
घराने से नहीं है।
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