तुम्हारी स्कूल की छुट्टियां तो खत्म हो गई होंगी और स्कूल से मिला हॉलीडे
होमवर्क भी तुमने खत्म कर लिया होगा। लेकिन तुममें से कितने बच्चों ने
हैंडराइटिंग के 100 पेज पूरे किए। नहीं किए ना! बेचारी टीचर कह-कहकर थक
जाती हैं कि रोज 10 पेज लि
खकर हैंडराइटिंग का अभ्यास करो, लेकिन तुम लोग
हमेशा इससे बचते हो। चलो आज हम अनम खान से जानते हैं हैंडराइटिंग की कहानी
और क्या है इसका महत्व।
क्या है हैंडराइटिंग
सबसे पहले तुम्हें समझना चाहिए कि हैंडराइटिंग क्या है? पेन या पेंसिल पकड़कर अक्षर बनाना ही केवल हैंडराइटिंग की परिभाषा नहीं है, बल्कि अलग-अलग इंसान के लिखने की अद्भुत कला को हैंडराइटिंग कहा जाता है और ये कैलिग्राफी और टाइपफेस से अलग होती है। तुम्हें पता है, हर इंसान की अपनी एक हैंडराइटिंग होती है और पूरी दुनिया में किसी भी इंसान की हैंडराइटिंग एक जैसी नहीं है। तुम्हें जानकर आश्चर्य होगा कि जुड़वां बच्चों की हैंडराइटिंग भी एकदम अलग होती है। लेखन की शुरुआत
हैंडराइटिंग के इतिहास को लेकर लोगों के अपने-अपने मत हैं। कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 3,300 ईसा पूर्व मेसोपोटामिया में हुई थी। उस समय किसी आदमी ने मिट्टी के बोर्ड पर राशन का रिकॉर्ड रखने के लिए पहली बार लिखा था। ब्रिटेन के एक म्यूजियम में इस बोर्ड को आज तक संभालकर रखा गया है। वहीं कुछ शोधकर्ताओं का ये भी मानना है कि 60,000 से 25,000 ईसा पूर्व आदमी हड्डियों और पत्थरों पर आड़ी-तिरछी लाइनें खींचा करता था, ठीक उसी तरह जिस तरह तुम लोग क्लास में बोर होते समय अपनी कॉपी में खींचते रहते हो। इसकी भी एक मजेदार कहानी है। पुराने समय में जब लोग जहाज लेकर जाते थे तो उस टापू की पहचान के लिए उसके पत्थरों पर बड़ी-बड़ी लकीरें खींच देते थे जिससे कोई और जहाज और उसके कर्मचारी वहां अपना ठिकाना न बनाएं। कहती है बहुत कुछ..
तुम्हारी हैंडराइटिंग तुम्हारे बारे में बहुत कुछ बताती है। इसे ग्राफोलॉजी यानी हैंडराइटिंग एनालिसिस भी कहते हैं। तुम जिस तरह अक्षर बनाते हो, तराशते हो, इससे तुम्हारी 5000 तरह की पर्सनैलिटी का पता चलता है। साइकोलॉजी विषय में तुम्हारी हैंडराइटिंग की मदद से ही पता लगाया जाता है कि दिमाग सही काम कर रहा है या नहीं।
राइटिंग से जुड़ी मजेदार बातें
- नेपोलियन बोनापार्ट के बारे में तो तुम लोग जानते ही होगे। पता है, उनकी हैंडराइटिंग इतनी भयानक और भद्दी थी कि वह जब भी अपने कमांडर को कोई नोट लिखकर भेजते थे तो वह किसी युद्ध का मैप लगता था। - कुछ लोगों का मानना है कि राइटिंग दुनिया में पिछले 5,000 सालों से है, वहीं कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि यह 50,000 से 100,000 साल पुरानी है।
- यूरोप में 15वीं शताब्दी में केवल अमीर वर्ग के लोग ही अच्छी राइटिंग में लिखना जानते थे।
- अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन की हैंडराइटिंग इतनी सुंदर थी कि जब वह केवल 12 साल के थे, तब उनके नोट्स की एक कॉपी वॉशिंगटन की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस में लगाई गई थी।
- अमेरिका में 1000 से भी ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जहां हैंडराइटिंग एक आवश्यक स्किल है। यानी तुम लोग जिस तरह बहाना बना देते हो, वे बच्चों हैंडराइटिंग के लिए बहाना भी नहीं बना पाते हैं।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि साफ-सुथरे तरीके से लिखने से याददाश्त तेज होती है।
बनेगा बेहतर भविष्य
पता है अगर तुम साफ-सुथरी हैंडराइटिंग में लिखते रहोगे तो तुम्हारा भविष्य बेहतर बन सकता है। अच्छे लेखन और राइटिंग का प्रभाव दूसरे व्यक्ति पर जरूर पड़ता है। हो सकता है कि तुम अपनी सुंदर हैंडराइटिंग के कारण कैलिग्राफी आर्टिस्ट, राइटिंग आर्टिस्ट, शिक्षक और लेखक आदि बन जाओ। स्कूल में भी अपने टीचर की नजर में तुम नंबर वन छात्र बन सकते हो। स्कूल में भी सुलेख प्रतियोगिताएं होती ही रहती हैं। अपनी हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं की राइटिंग सुधारो और इन प्रतियोगिताओं के चैंपियन बनकर दिखाओ। देखना, हर तरफ तुम्हारी वाहवाही होगी। राइटिंग स्किल भी जरूरी
राइटिंग में कुछ रचनात्मकता भी झलकनी चाहिए और इसी रचनात्मकता को कहते हैं राइटिंग स्किल। तुम्हारी हैंडराइटिंग और तुम्हारे ज्ञान का मिश्रण ऐसा होना चाहिए कि तुम्हें कोई भी विषय दे दिया जाए और तुम फट से उस पर लिख डालो। तुम्हारे शिक्षक भी उन बच्चों से बेहद खुश रहते होंगे, जिनकी हैंडराइटिंग और राइटिंग स्किल अच्छी होती होगी, इसलिए अभ्यास जरूरी है। निरंतर अभ्यास करते रहने से तुम निबंध, अनुच्छेद, पत्र, संवाद, चित्र और डायरी लेखन बिना किसी हिचकिचाहट के आसानी से कर सकोगे। अक्षर का पुराना इतिहास
देखो, हैंडराइटिंग को सुंदर बनाने के लिए एक-एक अक्षर को सुडौल और खूबसूरत बनाना पड़ता है। इन प्यारे-प्यारे अक्षरों की भी एक कहानी है। पहले अक्षर की खोज 1900 ईसा पूर्व सीनाई पेनिनसुला के लोगों ने की थी। इन सेमिटिक लोगों को मिस्र ने गुलाम बना रखा था। ये लोग हमेशा सोचते रहते कि अक्षरों की अपनी एक दुनिया है और हर शब्द की अपनी एक ध्वनि भी है। उन्हें समझ में आया कि अक्षर से चीजें याद रखने में बेहद मदद मिलती है, वहीं संकेत तो वे भूल जाते हैं। इसके बाद उन्होंने 22 मिस्र के संकेतों को अपने संकेतों के साथ मिलाया और पहले अक्षर की रचना की। इसके बाद वे इन अक्षरों का प्रयोग कुछ प्रचलित चीजों के लिए करने लगे जैसे घर, हाथ, पानी, आंख और मछली। नेशनल हैंडराइटिंग डे
जिस तरह तुम लोग टीचर्स डे, रिपब्लिक डे और फादर्स डे सेलिब्रेट करते हो, वैसे ही कई देशों में हैंडराइटिंग डे भी मनाया जाता है। यह दिन हर वर्ष 23 जनवरी को आता है। इस दिन बच्चों अपने-अपने घरों में, स्कूलों में कम से कम एक पेज जरूर लिखते हैं। बच्चों की हैंडराइटिंग का विकास बचपन से शुरू हो जाता है। इसलिए निरंतर अभ्यास करना जरूरी है। अगर बच्चा उल्टे हाथ से लिखना शुरू कर रहा है तो उस पर ध्यान देने की थोड़ी अधिक जरूरत है। इसके लिए अभिभावक उसका हाथ पकड़कर और बिंदु बनाकर उसका अभ्यास करवाएं।
नरगिस खान, शिक्षिका, केन्द्रीय विद्यालय, एयरफोर्स स्टेशन, आगरा ऐसे सुधार सकते हो लिखावट..
रोज लिखो : तुम रोज कम से कम पांच पन्ने लिखने की आदत डालो। इस तरह तुम्हारी हैंडराइटिंग खुद-ब-खुद सुधर जाएगी और तुम्हें लिखने में मजा आने लगेगा। स्पेलिंग पर ध्यान: लिखते समय स्पेलिंग की गलती का जरूर ध्यान रखना। जब तुम रोज अभ्यास करो, तब किसी बड़े से एक बार जरूर अपने पेज को पढ़वा लो, इस तरह तुम्हारी हैंडराइटिंग का भी आकलन हो जाएगा और तुम्हारी स्पेलिंग की गलतियां भी सामने आ जाएंगी। बनाओ प्यारी सी डायरी : देखो हैंडराइटिंग के अभ्यास के लिए तुम्हारी नोटबुक भी खास होनी चाहिए, इसलिए एक प्यारी सी डायरी खरीदो और रोज उस पर ही अभ्यास करो। इस तरह तुम्हें अपनी डायरी से प्यार होगा और तुम्हें लिखना भी अच्छा लगने लगेगा। ग्रीटिंग कार्ड बनाओ : तुम अपने मम्मी-पापा, टीचर और भाई-बहनों के लिए खुद से कार्ड बनाओ और उस पर लिखो। इससे भी तुम्हारा अभ्यास होता रहेगा। चिट्ठी करेगी मदद : आज मोबाइल के जमाने में चिट्ठी का दस्तूर एकदम खत्म हो गया है, लेकिन तुम इस परंपरा को फिर से शुरू कर सकते हो। बस झट से कागज-कलम उठाओ और अपने किसी रिश्तेदार को चिट्ठी लिखो। देखना, तुम्हारी हैंडराइटिंग में कितना सुधार आता है। अच्छी कलम-पेंसिल का इस्तेमाल : अच्छी हैंडराइटिंग में बढ़िया पेन और पेंसिल का भी बेहद योगदान होता है, इसलिए इन चीजों में कभी कंजूसी मत करना। तुम जितना अच्छा पेन या पेंसिल इस्तेमाल करोगे, तुम्हारा सुलेख उतना सुंदर होगा। फाउंटेन पेन : जब तुमने पहली बार पेन से लिखना शुरू किया होगा, तब तुम्हारी टीचर ने फाउंटेन पेन से लिखने की सलाह दी होगी। फाउंटेन पेन से हैंडराइटिंग बेहद अच्छी होती है। आत्मविश्वास जरूरी : अच्छी हैंडराइटिंग के लिए आत्मविश्वास भी बेहद जरूरी है। हर समय बस ये मत सोचो कि मेरी राइटिंग तो कितनी गंदी है, बल्कि ये सोचो कि मुझे अपनी हैंडराइटिंग सबसे बेहतर करनी है। लिखो बोर्ड पर: अक्षरों को बेहतर शेप देने के लिए व्हाइट या ब्लैक बोर्ड पर लिखना शुरू कर दो। इससे तुम्हारा हाथ सेट होगा और तुम फिर कॉपी पर भी अच्छा लिखना शुरू कर दोगे। देखो दोस्तों की राइटिंग : दूसरों से सीखकर तुम बहुत कुछ सीख सकते हो। अपने दोस्तों की हैंडराइटिंग देखकर भी प्रेरणा ले सकते हो। अपनाओ अपना स्टाइल : तुम जिस तरह लिखने में आरामदायक महसूस करते हो, वैसे ही लिखो। ये कतई जरूरी नहीं कि तुम्हारा दोस्त कर्सिव लिख रहा है तो तुम भी वैसे ही लिखो। तुम अपना खुद का राइटिंग स्टाइल अपनाओ। कंप्यूटर को ‘नो’: हर समय लिखने के लिए कंप्यूटर, टाइपराइटर और अन्य शॉर्टकट अपनाने से बचो। छोटे से छोटे नोट, घर की लिस्ट भी हाथ से लिखो।
क्या है हैंडराइटिंग
सबसे पहले तुम्हें समझना चाहिए कि हैंडराइटिंग क्या है? पेन या पेंसिल पकड़कर अक्षर बनाना ही केवल हैंडराइटिंग की परिभाषा नहीं है, बल्कि अलग-अलग इंसान के लिखने की अद्भुत कला को हैंडराइटिंग कहा जाता है और ये कैलिग्राफी और टाइपफेस से अलग होती है। तुम्हें पता है, हर इंसान की अपनी एक हैंडराइटिंग होती है और पूरी दुनिया में किसी भी इंसान की हैंडराइटिंग एक जैसी नहीं है। तुम्हें जानकर आश्चर्य होगा कि जुड़वां बच्चों की हैंडराइटिंग भी एकदम अलग होती है। लेखन की शुरुआत
हैंडराइटिंग के इतिहास को लेकर लोगों के अपने-अपने मत हैं। कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 3,300 ईसा पूर्व मेसोपोटामिया में हुई थी। उस समय किसी आदमी ने मिट्टी के बोर्ड पर राशन का रिकॉर्ड रखने के लिए पहली बार लिखा था। ब्रिटेन के एक म्यूजियम में इस बोर्ड को आज तक संभालकर रखा गया है। वहीं कुछ शोधकर्ताओं का ये भी मानना है कि 60,000 से 25,000 ईसा पूर्व आदमी हड्डियों और पत्थरों पर आड़ी-तिरछी लाइनें खींचा करता था, ठीक उसी तरह जिस तरह तुम लोग क्लास में बोर होते समय अपनी कॉपी में खींचते रहते हो। इसकी भी एक मजेदार कहानी है। पुराने समय में जब लोग जहाज लेकर जाते थे तो उस टापू की पहचान के लिए उसके पत्थरों पर बड़ी-बड़ी लकीरें खींच देते थे जिससे कोई और जहाज और उसके कर्मचारी वहां अपना ठिकाना न बनाएं। कहती है बहुत कुछ..
तुम्हारी हैंडराइटिंग तुम्हारे बारे में बहुत कुछ बताती है। इसे ग्राफोलॉजी यानी हैंडराइटिंग एनालिसिस भी कहते हैं। तुम जिस तरह अक्षर बनाते हो, तराशते हो, इससे तुम्हारी 5000 तरह की पर्सनैलिटी का पता चलता है। साइकोलॉजी विषय में तुम्हारी हैंडराइटिंग की मदद से ही पता लगाया जाता है कि दिमाग सही काम कर रहा है या नहीं।
राइटिंग से जुड़ी मजेदार बातें
- नेपोलियन बोनापार्ट के बारे में तो तुम लोग जानते ही होगे। पता है, उनकी हैंडराइटिंग इतनी भयानक और भद्दी थी कि वह जब भी अपने कमांडर को कोई नोट लिखकर भेजते थे तो वह किसी युद्ध का मैप लगता था। - कुछ लोगों का मानना है कि राइटिंग दुनिया में पिछले 5,000 सालों से है, वहीं कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि यह 50,000 से 100,000 साल पुरानी है।
- यूरोप में 15वीं शताब्दी में केवल अमीर वर्ग के लोग ही अच्छी राइटिंग में लिखना जानते थे।
- अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन की हैंडराइटिंग इतनी सुंदर थी कि जब वह केवल 12 साल के थे, तब उनके नोट्स की एक कॉपी वॉशिंगटन की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस में लगाई गई थी।
- अमेरिका में 1000 से भी ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जहां हैंडराइटिंग एक आवश्यक स्किल है। यानी तुम लोग जिस तरह बहाना बना देते हो, वे बच्चों हैंडराइटिंग के लिए बहाना भी नहीं बना पाते हैं।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि साफ-सुथरे तरीके से लिखने से याददाश्त तेज होती है।
बनेगा बेहतर भविष्य
पता है अगर तुम साफ-सुथरी हैंडराइटिंग में लिखते रहोगे तो तुम्हारा भविष्य बेहतर बन सकता है। अच्छे लेखन और राइटिंग का प्रभाव दूसरे व्यक्ति पर जरूर पड़ता है। हो सकता है कि तुम अपनी सुंदर हैंडराइटिंग के कारण कैलिग्राफी आर्टिस्ट, राइटिंग आर्टिस्ट, शिक्षक और लेखक आदि बन जाओ। स्कूल में भी अपने टीचर की नजर में तुम नंबर वन छात्र बन सकते हो। स्कूल में भी सुलेख प्रतियोगिताएं होती ही रहती हैं। अपनी हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं की राइटिंग सुधारो और इन प्रतियोगिताओं के चैंपियन बनकर दिखाओ। देखना, हर तरफ तुम्हारी वाहवाही होगी। राइटिंग स्किल भी जरूरी
राइटिंग में कुछ रचनात्मकता भी झलकनी चाहिए और इसी रचनात्मकता को कहते हैं राइटिंग स्किल। तुम्हारी हैंडराइटिंग और तुम्हारे ज्ञान का मिश्रण ऐसा होना चाहिए कि तुम्हें कोई भी विषय दे दिया जाए और तुम फट से उस पर लिख डालो। तुम्हारे शिक्षक भी उन बच्चों से बेहद खुश रहते होंगे, जिनकी हैंडराइटिंग और राइटिंग स्किल अच्छी होती होगी, इसलिए अभ्यास जरूरी है। निरंतर अभ्यास करते रहने से तुम निबंध, अनुच्छेद, पत्र, संवाद, चित्र और डायरी लेखन बिना किसी हिचकिचाहट के आसानी से कर सकोगे। अक्षर का पुराना इतिहास
देखो, हैंडराइटिंग को सुंदर बनाने के लिए एक-एक अक्षर को सुडौल और खूबसूरत बनाना पड़ता है। इन प्यारे-प्यारे अक्षरों की भी एक कहानी है। पहले अक्षर की खोज 1900 ईसा पूर्व सीनाई पेनिनसुला के लोगों ने की थी। इन सेमिटिक लोगों को मिस्र ने गुलाम बना रखा था। ये लोग हमेशा सोचते रहते कि अक्षरों की अपनी एक दुनिया है और हर शब्द की अपनी एक ध्वनि भी है। उन्हें समझ में आया कि अक्षर से चीजें याद रखने में बेहद मदद मिलती है, वहीं संकेत तो वे भूल जाते हैं। इसके बाद उन्होंने 22 मिस्र के संकेतों को अपने संकेतों के साथ मिलाया और पहले अक्षर की रचना की। इसके बाद वे इन अक्षरों का प्रयोग कुछ प्रचलित चीजों के लिए करने लगे जैसे घर, हाथ, पानी, आंख और मछली। नेशनल हैंडराइटिंग डे
जिस तरह तुम लोग टीचर्स डे, रिपब्लिक डे और फादर्स डे सेलिब्रेट करते हो, वैसे ही कई देशों में हैंडराइटिंग डे भी मनाया जाता है। यह दिन हर वर्ष 23 जनवरी को आता है। इस दिन बच्चों अपने-अपने घरों में, स्कूलों में कम से कम एक पेज जरूर लिखते हैं। बच्चों की हैंडराइटिंग का विकास बचपन से शुरू हो जाता है। इसलिए निरंतर अभ्यास करना जरूरी है। अगर बच्चा उल्टे हाथ से लिखना शुरू कर रहा है तो उस पर ध्यान देने की थोड़ी अधिक जरूरत है। इसके लिए अभिभावक उसका हाथ पकड़कर और बिंदु बनाकर उसका अभ्यास करवाएं।
नरगिस खान, शिक्षिका, केन्द्रीय विद्यालय, एयरफोर्स स्टेशन, आगरा ऐसे सुधार सकते हो लिखावट..
रोज लिखो : तुम रोज कम से कम पांच पन्ने लिखने की आदत डालो। इस तरह तुम्हारी हैंडराइटिंग खुद-ब-खुद सुधर जाएगी और तुम्हें लिखने में मजा आने लगेगा। स्पेलिंग पर ध्यान: लिखते समय स्पेलिंग की गलती का जरूर ध्यान रखना। जब तुम रोज अभ्यास करो, तब किसी बड़े से एक बार जरूर अपने पेज को पढ़वा लो, इस तरह तुम्हारी हैंडराइटिंग का भी आकलन हो जाएगा और तुम्हारी स्पेलिंग की गलतियां भी सामने आ जाएंगी। बनाओ प्यारी सी डायरी : देखो हैंडराइटिंग के अभ्यास के लिए तुम्हारी नोटबुक भी खास होनी चाहिए, इसलिए एक प्यारी सी डायरी खरीदो और रोज उस पर ही अभ्यास करो। इस तरह तुम्हें अपनी डायरी से प्यार होगा और तुम्हें लिखना भी अच्छा लगने लगेगा। ग्रीटिंग कार्ड बनाओ : तुम अपने मम्मी-पापा, टीचर और भाई-बहनों के लिए खुद से कार्ड बनाओ और उस पर लिखो। इससे भी तुम्हारा अभ्यास होता रहेगा। चिट्ठी करेगी मदद : आज मोबाइल के जमाने में चिट्ठी का दस्तूर एकदम खत्म हो गया है, लेकिन तुम इस परंपरा को फिर से शुरू कर सकते हो। बस झट से कागज-कलम उठाओ और अपने किसी रिश्तेदार को चिट्ठी लिखो। देखना, तुम्हारी हैंडराइटिंग में कितना सुधार आता है। अच्छी कलम-पेंसिल का इस्तेमाल : अच्छी हैंडराइटिंग में बढ़िया पेन और पेंसिल का भी बेहद योगदान होता है, इसलिए इन चीजों में कभी कंजूसी मत करना। तुम जितना अच्छा पेन या पेंसिल इस्तेमाल करोगे, तुम्हारा सुलेख उतना सुंदर होगा। फाउंटेन पेन : जब तुमने पहली बार पेन से लिखना शुरू किया होगा, तब तुम्हारी टीचर ने फाउंटेन पेन से लिखने की सलाह दी होगी। फाउंटेन पेन से हैंडराइटिंग बेहद अच्छी होती है। आत्मविश्वास जरूरी : अच्छी हैंडराइटिंग के लिए आत्मविश्वास भी बेहद जरूरी है। हर समय बस ये मत सोचो कि मेरी राइटिंग तो कितनी गंदी है, बल्कि ये सोचो कि मुझे अपनी हैंडराइटिंग सबसे बेहतर करनी है। लिखो बोर्ड पर: अक्षरों को बेहतर शेप देने के लिए व्हाइट या ब्लैक बोर्ड पर लिखना शुरू कर दो। इससे तुम्हारा हाथ सेट होगा और तुम फिर कॉपी पर भी अच्छा लिखना शुरू कर दोगे। देखो दोस्तों की राइटिंग : दूसरों से सीखकर तुम बहुत कुछ सीख सकते हो। अपने दोस्तों की हैंडराइटिंग देखकर भी प्रेरणा ले सकते हो। अपनाओ अपना स्टाइल : तुम जिस तरह लिखने में आरामदायक महसूस करते हो, वैसे ही लिखो। ये कतई जरूरी नहीं कि तुम्हारा दोस्त कर्सिव लिख रहा है तो तुम भी वैसे ही लिखो। तुम अपना खुद का राइटिंग स्टाइल अपनाओ। कंप्यूटर को ‘नो’: हर समय लिखने के लिए कंप्यूटर, टाइपराइटर और अन्य शॉर्टकट अपनाने से बचो। छोटे से छोटे नोट, घर की लिस्ट भी हाथ से लिखो।
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