जैसा खानपान होगा, वैसी ही सेहत होगी। सेहत का पहला आईना है चेहरा। अच्छी सेहत की चमक चेहरे पर नजर आती है। इसी को लावण्य कहते हैं, जो थोडी सी कोशिश से हर उम्र में बनाए रखा जा सकता है।
एंटी-एजिंग केमिकल्स
फलों, सब्जियों व अनाज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को युवा बनाए रखते हैं। ये फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करते हैं। दो एंटीऑक्सीडेंट्स हैं विटमिन ए और सी। अनार, रसभरी, स्ट्रॉबेरी, अंगूर और मूंगफली में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसके अलावा ग्रीन टी, हल्दी और डार्क चॉकलेट्स में भी एंटी-एजिंग तत्व पाए जाते हैं। जानें एंटी-एजिंग केमिकल्स कौन से हैं-
1. फलों में पाए जाने वाले पॉलीफिनोल और एंथोसाइनिंस जैसे तत्व स्किन सेल्स को फ्री रेडिकल्स, प्रदूषण और धूल से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
2. लाइकोपीन भी एंटी-एजिंग तत्व है, जो टमाटर, अंगूर, गाजर, अमरूद, लाल मिर्च, खरबूजा, तरबूज जैसे फलों में पाया जाता है। यह स्किन को मुलायम बनाता है और सनबर्न से बचाता है।
3. आइसोफ्लेवोंस सोया और टोफू में पाए जाते हैं। ये त्वचा को कसाव देने वाले कोलाजेन हैं।
4. ईपीए या इकोसपेंटेनॉइक एसिड ओमेगा-3 फैट्स में से एक है, जो त्वचा में कसाव लाने वाले प्रोटीन कोलाजेन को बचाता है। ईपीए अन्य अम्ल डीएचए यानी डोको साहेक्सानॉइक एसिड जैसे ओमेगा-3 के साथ मिल कर स्किन कैंसर जैसे रोगों से भी बचाव करता है।
5. कोको में मिलने वाला इपिकेटचिन तत्व स्किन के टेक्स्चर को ठीक करता है, रक्त-संचार को सुचारु बनाता है, न्यूट्रिएंट्स व ऑक्सीजन सप्लाई बढाता है।
फैट बस्टर डाइट
जवां दिखने के लिए कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखना जरूरी है। एक उम्र के बाद फैट की मात्रा कम करना अनिवार्य है। एनिमल प्रोडक्ट्स के बजाय शाकाहार की ओर बढें। फैट बस्टर डाइट को डिटॉक्स डाइट भी कहते हैं। क्योंकि ये शरीर से विषाक्त पदार्थ को दूर करते हैं। डिटॉक्स डाइट का अर्थ है, खानपान में अधिकाधिक फ्रूट्स, वेजटेबल्स, पेय पदार्थ शामिल करना और जंक, प्रोसेस्ड फूड सहित एल्कोहॉल और कैफीन से दूरी रखना।
पोली सैच्युरेटेड फैट्स जैसे सनफ्लॉवर सीड ऑयल ब्लड कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करता है। वॉटर सॉल्युबल फाइबर भी सिस्टम से कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। बींस, ओट के अलावा सेब और संतरे में ये तत्व मिलते हैं। फिश, खासतौर पर सालमन और मैक्रल भी त्वचा को जवां बनाए रखने के लिए जरूरी है। इनमें भी ईपीए एसिड पाया जाता है।
जीवनशैली और उम्र
जीवनशैली का उम्र से गहरा संबंध है। जीवनशैली में कुछ बदलाव करके उम्र को हावी होने से रोका जा सकता है। कुछ टिप्स-
1. सप्ताह में कम से कम पांच दिन 30-45 मिनट तक ब्रिस्क वॉक करें। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं, ऑस्टिपोपरोसिस की आशंका कम होती है। एरोबिक एक्सरसाइज हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से बचाती हैं, ब्लड क्लॉटिंग रोकती हैं।
2. बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वह पैमाना है जो सेहत का पता देता है। 25 वर्षीय स्त्री ओवरवेट होने पर 40 की दिख सकती है, जबकि 40 वर्षीय स्त्री भी संतुलित खानपान और व्यायाम के बल पर 25-30 की दिख सकती है। अगर बॉडी वेट आपके आदर्श वजन से 20 प्रतिशत अधिक है तो इसे कम करें, क्योंकि यह न सिर्फ उम्र को 10-15 साल आगे बढा देगा, बल्कि कई रोगों से भी ग्रस्त कर देगा।
3. चेहरे की सुंदरता बरकरार रखने के लिए दांतों व आंखों की देखभाल जरूरी है। खासतौर पर 40 के बाद इनमें प्रॉब्लम्स शुरू हो जाती हैं। शुरू से इसका ध्यान रखें।
4. तनाव वह बडा कारण है, जो चेहरे की रौनक खत्म कर देता है। जवां दिखने के लिए खुद को तनावमुक्त रखें। दबाव से शरीर का स्वाभाविक संतुलन बिगडता है, हॉर्मोस सी क्रेशन, सेल्स और कोलाजेन प्रोडक्शन बिगडता है। एक शोध कहता है कि लगातार दबाव से मस्तिष्क की उम्र बढती है, इसलिए सुकून से जिएं। यह तभी संभव है, जब रोज कुछ पल दिमाग को आराम दें। अच्छा संगीत सुनें, फिल्म या कॉमेडी शो देखें, सुबह-शाम सैर करें और सात से आठ घंटे की नींद लें।
5. त्वचा की नियमित देखभाल करें। स्किन ऑयली है तो कम से कम दो बार किसी अच्छे क्लींजर से चेहरा साफ करें और टोनिंग करें। धूप के सीधे प्रभाव से बचें। धूप में बाहर निकलने से 20-30 मिनट पहले एसपीएफ-युक्त सनस्क्रीन लगाएं।
6. उम्र के साथ हर वर्ष औसतन एक प्रतिशत तक बोन मास नष्ट होता है। बोन मिनरल्स नष्ट होने से हड्डियां कमजोर होती हैं और फ्रैक्चर्स की आशंका बढती है। वेट बियरिंग एक्सरसाइजेज जैसे साइक्लिंग, वॉक, स्विमिंग या वेट ट्रेनिंग से हड्डियां मजबूत होती हैं। डॉक्टर की सलाह पर विटमिन डी सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
7. कैफीन और एल्कोहॉल का सेवन सीमित मात्रा में करें। स्मोकिंग उम्र को तेजी से बढाती है और रोगों को दावत देती है।
8. चलने-फिरने, बैठने और लेटने के पोश्चर को ठीक रखें। युवा दिखने के लिए शरीर को शेप में रखना जरूरी है और इसके लिए आदतें सुधारनी होंगी। पीठ के बल सोएं, करवट लेकर सोने से क्लीवेज रिंकल्स बढते हैं। पेट के बल सोने से भी गले, चेहरे, छाती में स्लीप लाइंस पडने लगती हैं।
9. त्वचा की नमी बनाए रखें। इसके लिए मॉयस्चराइजर का प्रयोग करें। चेहरे को साबुन से बार-बार धोने के बजाय किसी केमिकल-रहित फेसवॉश का प्रयोग करें।
10. रिंकल्स तेजी से पड रहे हों तो कॉस्मेटोलॉजिस्ट या डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें। एंटीएजिंग क्रीम्स, लोशन, केमिकल या सर्जिकल विकल्प ट्राई करना चाहती हैं तो विशेषज्ञ की राय अवश्य लें। पील्स, फिलर्स, लेजर्स या बोटॉक्स जैसे कई ऐसे साधन हैं जिनसे उम्र की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है। अच्छा होगा कि पहले अपनी जीवनशैली और खानपान को दुरुस्त करें।
नैचरल रहें-युवा रहें
1. न्यूट्रिएंट्स से भरपूर डाइट लें
2. डाइट में फलों-सब्जियों की मात्रा बढाएं और फैट-कार्ब कम करें
3. खूब पानी पिएं, यह नैचरल डिटॉक्सिफायर का काम करता है
4. डाइट में प्याज-लहसुन, फ्लैक्स सीड्स, ग्रीन टी को शामिल करें
5. जंक फूड, फैट्स, शुगर, प्रोसेस्ड फूड, एनिमल फूड्स, कैफीन, एल्कोहॉल और स्मोकिंग से दूर रहें।
6. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
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