Thursday, 18 July 2013

मोदी को सांप्रदायिक, PM को ईमानदार नहीं मानते अन्ना

Image Loadingसमाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि वो नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक नहीं मानते। इतना ही नहीं अन्ना ने प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वो मनमोहन सिंह को ईमानदार नहीं मानते।
इससे पहले भी दिल्ली में जन लोकपाल के लिए अनशन के दौरान अन्ना ने नरेंद्र मोदी के विकास की तारीफ की थी, जिसकी वजह से वो विरोधियों के निशाने पर आ गए थे। मोदी पर लगातार लग रहे आरोपों अन्ना ने कहा कि मोदी के सांप्रदायिक नेता होने का अब तक कोई सबूत मेरे सामने नहीं आया है। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को आडे हाथो लेते हुये कहा कि वह यह नही कहते है कि किसी पार्टी को वोट न दे। चरित्रवान उम्मीदवारों को वोट देने की बात कहते हैं।
       
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि देश में लोकतंत्र आ गया है, इसलिए कांग्रेस को बर्खास्त कर दो, लेकिन संविधान के खिलाफ जाकर वर्ष 1952 मे चुनाव हुए और राजनीतिक दल के नेता चुनकर आये। उस समय चुनाव आयोग को आपत्ति होनी चहिये थी, लेकिन चुनाव आयोग ने ऐसा नही किया। जबकि संविधान ने समूह को चुनाव लड़ने की अनुमति नही दी हैं। इसका नजीता यह निकला कि एक पार्टी जब सत्ता मे आई, तो दूसरी पार्टी को लगा कि हमे भी सत्ता मे आना चहिये। हजारे ने कहा कि सत्ता प्राप्त करने की होड़ लगनी शुरू हो गई और इस होड़ के कारण असामाजिक तत्व और भ्रष्ट लोग चुनाव लड्ने लगे। जिसके कारण संसद मे ऐसे लोग बैठ गए है। उन्होंने कहा कि संसद मे 163 दागी नेता बैठे है और 15 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार सहित अन्य आरोप लगे हुए हैं। इन बातों को देखकर वह जनता को चरित्रवान लोगों को वोट देने की बात कहते है।
       
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोयला घोटाले में नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनतंत्र मोर्चा का अभियान केंद्र सरकार और कांग्रेस एवं अन्य राजनैतिक दलों के खिलाफ नही चलाया जा रहा है।

No comments:

Post a Comment