रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ओर से बुधवार को की गई अपील को अगर सभी ने गंभीरता ले लिया तो इसका असर बारात से लेकर राजनीतिक रैलियों और डांस बार तक पर पड़ेगा। इन सभी अवसरों पर नोटों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि नोटों से माला बनाने, पंडाल को सजाने, पूजास्थल पर नोट चढ़ाने या किसी सामाजिक अवसर पर नोट लुटाने की गतिविधियों पर लगाम लगाई जानी चाहिए। आम जनता को इन कार्यो से दूर रहना चाहिए।
आरबीआइ का कहना है कि इससे नोट फट जाते हैं और वे बहुत कम समय तक ही प्रचलन में रह पाते हैं। इसलिए आम जनता को अपनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए करेंसी केगलत इस्तेमाल से बचना चाहिए। सनद रहे कि देश में साफसुथरे व करारे नोट उपलब्ध कराना आज की तारीख में रिजर्व बैंक के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। तमाम कोशिशों के बावजूद केंद्रीय बैंक नए नोटों की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है। इसलिए अंतत: उसे जनता से अपील करनी पड़ रही है।
केंद्रीय बैंक की यह अपील कारगर होगी या नहीं यह तो वक्त बताएगा, लेकिन यह सच है कि पूरे देश में नोटों को लुटाने या उन्हें जश्न के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रचलन बढ़ा है। शादी-ब्याह में ही नहीं, बल्कि राजनीतिक रैलियों में नोटों का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है। कुछ वर्ष पहले बसपा सुप्रीमो मायावती को सार्वजनिक मंच पर लाखों रुपये के नोटों का विशाल माला पहनाया गया था। इसकी चर्चा भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में हुई थी। हरियाणा की चुनावी रैलियों में प्रतिनिधियों को नोटों की माला पहनाना एक आम बात है। इसी तरह से डांस बार में भी बड़ी संख्या में नोट उड़ाए जाते हैं। चुनावी रैलियों में वोटरों को लुभाने के लिए डांसरों के प्रोग्राम होते हैं, जहां जम कर नोटों की बारिश होती है।
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