नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना को देश के लिए
विनाशकारी बताये जाने संबंधी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणी पर तीखी
प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा कि ऐसी शब्दावली का प्रयोग
प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विरुद्ध है। भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री को
कांग्रेस के डर्टी ट्रिक्स
डिपार्टमेंट का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जिस शब्दावली का प्रयोग किया, वह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विरुद्ध है। इससे प्रधानमंत्री पद की मर्यादा नहीं बढ़ती है। उन्होंने कहा,कांग्रेस का डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कई के अभियान चलाता है। वह ऐसी शब्दावली का इस्तेमाल करे तो आश्चर्य नहीं है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री इस डर्टी ट्रिक्ट डिपार्टमेंट का हिस्सा नहीं है और उन्हें इसका हिस्सा नहीं बनना चाहिए था। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रग 1 के कार्यकाल के समय हुए भ्रष्टाचार के बाद 2009 के चुनाव में संप्रग जीत कर सामने आई थी और इस तरह से वे चुनावी जीत को भ्रष्टाचार का दाग धोने का आधारा बता रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री के इसी तर्क को आधार माना जाए तब तो नरेन्द्र मोदी 2002, 2007 और 2012 तीन बार चुनाव जीत चुके है। मनमोहन सिंह इसी तर्क का लाभ मोदी को भी दे सकते थे। जेटली ने मोदी का बचात करते हुए कहा कि 1947 के बाद से कोई ऐसा राजनीतिक नेता नहीं हुआ जिसे किसी मामले में इतने परीक्षा और मूल्यांकन के दौर से गुजरना पड़ा हो। पहले पुलिस जांच, उसके बाद आयोग की जांच, इसके बाद उच्चतम न्यायालय की जांच, फिर एसआईटी का गठन एवं जांच, फिर न्याय मित्र, अदालत द्वारा मोदी को क्लिन चिट देने के एसआईटी के रिपोर्ट को स्वीकार किया जाना और यह सब उच्चतम न्यायालय की निगरानी में होना।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जिस शब्दावली का प्रयोग किया, वह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विरुद्ध है। इससे प्रधानमंत्री पद की मर्यादा नहीं बढ़ती है। उन्होंने कहा,कांग्रेस का डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कई के अभियान चलाता है। वह ऐसी शब्दावली का इस्तेमाल करे तो आश्चर्य नहीं है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री इस डर्टी ट्रिक्ट डिपार्टमेंट का हिस्सा नहीं है और उन्हें इसका हिस्सा नहीं बनना चाहिए था। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रग 1 के कार्यकाल के समय हुए भ्रष्टाचार के बाद 2009 के चुनाव में संप्रग जीत कर सामने आई थी और इस तरह से वे चुनावी जीत को भ्रष्टाचार का दाग धोने का आधारा बता रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री के इसी तर्क को आधार माना जाए तब तो नरेन्द्र मोदी 2002, 2007 और 2012 तीन बार चुनाव जीत चुके है। मनमोहन सिंह इसी तर्क का लाभ मोदी को भी दे सकते थे। जेटली ने मोदी का बचात करते हुए कहा कि 1947 के बाद से कोई ऐसा राजनीतिक नेता नहीं हुआ जिसे किसी मामले में इतने परीक्षा और मूल्यांकन के दौर से गुजरना पड़ा हो। पहले पुलिस जांच, उसके बाद आयोग की जांच, इसके बाद उच्चतम न्यायालय की जांच, फिर एसआईटी का गठन एवं जांच, फिर न्याय मित्र, अदालत द्वारा मोदी को क्लिन चिट देने के एसआईटी के रिपोर्ट को स्वीकार किया जाना और यह सब उच्चतम न्यायालय की निगरानी में होना।
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