यहां के जाने माने कृषि अनुसंधान संस्थान इंटरनेशनल क्रोप्स रिसर्च
इंस्टीटयूट फोर सेमी एरिड ट्रॉपिक्स (आईसीआरआईएसएटी) की एक महिला वैज्ञानिक
ने अपने वरिष्ठ सहयोगी पर यौ
न उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी
शिकायत की उचित जांच नहीं होने को लेकर संस्थान के प्रबंधन को कानूनी नोटिस
दिया है।
वैज्ञानिक दुर्गा (नाम परिवर्तित) ने आईसीआरआईएसएटी पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाया है। उसने उस पर कानून में निर्धारित अनिवार्य कदम जैसे जांच आयोग में एक महिला सदस्य और तटस्थ एनजीओ के प्रतिनिधि की उपस्थिति का पालन किए बगैर ही पल्ला झाड़ने का भी आरोप लगाया है। आईसीआरआईएसएटी के संचालन मंडल के अध्यक्ष एन जे पूले ने उसके नोटिस के जवाब में कहा कि वह प्रबंधन से इस शिकायत को फिर से खोलने और उसका पुनर्मूल्यांकन करने का अनुरोध करेंगे। अट्ठाइस वर्षीय महिला वैज्ञानिक ने अपने नोटिस में कहा कि उसने जनवरी, 2013 में अपने बॉस के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने की शिकायत संचालन मंडल से की थी। वह इस बात पर सहमत हुई थी कि यदि आरोपी सार्वजनिक रूप से माफी मांगे तो वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगी लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। अविवाहित महिला वैज्ञानिक ने यह भी आरोप लगाया कि वह और उसे मानसिक पीड़ा पहुंचाने वाला व्यक्ति अब भी उसी विभाग में कार्यरत है, जबकि विशिष्ट नियमावली के अनुसार शिकायतकर्ता और आरोपी को कार्यस्थल पर अलग अलग कर दिया जाना जरूरी है।
वैज्ञानिक दुर्गा (नाम परिवर्तित) ने आईसीआरआईएसएटी पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाया है। उसने उस पर कानून में निर्धारित अनिवार्य कदम जैसे जांच आयोग में एक महिला सदस्य और तटस्थ एनजीओ के प्रतिनिधि की उपस्थिति का पालन किए बगैर ही पल्ला झाड़ने का भी आरोप लगाया है। आईसीआरआईएसएटी के संचालन मंडल के अध्यक्ष एन जे पूले ने उसके नोटिस के जवाब में कहा कि वह प्रबंधन से इस शिकायत को फिर से खोलने और उसका पुनर्मूल्यांकन करने का अनुरोध करेंगे। अट्ठाइस वर्षीय महिला वैज्ञानिक ने अपने नोटिस में कहा कि उसने जनवरी, 2013 में अपने बॉस के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने की शिकायत संचालन मंडल से की थी। वह इस बात पर सहमत हुई थी कि यदि आरोपी सार्वजनिक रूप से माफी मांगे तो वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगी लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। अविवाहित महिला वैज्ञानिक ने यह भी आरोप लगाया कि वह और उसे मानसिक पीड़ा पहुंचाने वाला व्यक्ति अब भी उसी विभाग में कार्यरत है, जबकि विशिष्ट नियमावली के अनुसार शिकायतकर्ता और आरोपी को कार्यस्थल पर अलग अलग कर दिया जाना जरूरी है।
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