कानून की एक इंटर्न द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एके गांगुली ने आखिरकार पश्चिम बंगाल
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से
इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोमवार को
कोलकाता में राज भवन में राज्यपाल एमके नारायण को अपना इस्तीफा सौंपा।
इससे पहले पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा था कि न्यायमूर्ति गांगुली ने उन्हें टेलीफोन किया और कहा कि वह पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूबीएचआरसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की सोच रहे हैं।
न्यायमूर्ति गांगुली की सोराबजी के साथ वार्ता ऐसे समय में हुई है, जब केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस मुद्दे पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए राष्ट्रपति की राय (केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रपति द्वारा राय के लिए उच्चतम न्यायालय को भेजा जाने वाला मामला) भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसे डब्ल्यूबीएचआरसी अध्यक्ष को हटाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय समिति ने प्रथमदष्टया न्यायमूर्ति गांगुली को आरोपी माना था। न्यायमूर्ति गांगुली ने कानून की इंटर्न की ओर से लगाए गए सभी आरोपों से इंकार किया था और कहा था कि उनके द्वारा दिए गए कुछ फैसलों के कारण उनकी छवि धूमिल करने के लिए कुछ ताकतें कोशिश कर रही हैं।
इससे पहले पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा था कि न्यायमूर्ति गांगुली ने उन्हें टेलीफोन किया और कहा कि वह पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूबीएचआरसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की सोच रहे हैं।
न्यायमूर्ति गांगुली की सोराबजी के साथ वार्ता ऐसे समय में हुई है, जब केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस मुद्दे पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए राष्ट्रपति की राय (केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रपति द्वारा राय के लिए उच्चतम न्यायालय को भेजा जाने वाला मामला) भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसे डब्ल्यूबीएचआरसी अध्यक्ष को हटाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय समिति ने प्रथमदष्टया न्यायमूर्ति गांगुली को आरोपी माना था। न्यायमूर्ति गांगुली ने कानून की इंटर्न की ओर से लगाए गए सभी आरोपों से इंकार किया था और कहा था कि उनके द्वारा दिए गए कुछ फैसलों के कारण उनकी छवि धूमिल करने के लिए कुछ ताकतें कोशिश कर रही हैं।
No comments:
Post a Comment