Thursday, 2 January 2014

सबसे महंगी किताब!

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एक बिल्कुल ही गुमनाम और फटी-पुरानी किताब, जिसमें शब्दों की ढेरों गलतियां रही हों, वह आज सबसे महंगी किताब बन गई है। बीते 26 नवंबर को अमेरिका के रहने वाले समाजैसेवी डेविड रुबंस्टीन ने ‘द होल बुक ऑफ सॉम’ नाम की इस किताब की एक प्रति को पाने के लिए 14.2 लाख डॉलर खर्च किए। इस किताब को ‘द बे सॉम बुक’ के नाम से भी जाना जाता है।
वर्ष 1640 में छपी इस किताब में वर्ष 1620 में तीर्थयात्रियों द्वारा मैसाचुसेट्स में खोजे गए एक छोटे से शहर प्लामाउथ की कहानी है, जिसमें 102 यात्री दुनिया की यात्रा पर निकलते हैं। इस किताब की कुल 1700 छपी वास्तविक प्रतियों में से सिर्फ 11 प्रति ही अब बाकी बची हैं। यह किताब तब इसलिए भी खास बन जाती है कि सौ सालों में बिकने के लिए इसकी एक ही प्रति सामने आई है। वर्ष 1947 में येल यूनिवर्सिटी में एक नीलामी में इस किताब को खरीदा गया था, जिसके लिए 1,51,000 अमेरिकी डॉलर दिए गए थे। हालांकि 66 साल पहले इस किताब को खरीदने के लिए चुकाई गई राशि किसी भी किताब को खरीदने के लिए दी गई राशि का एक रिकॉर्ड थी। हाल में बोस्टन के ओल्ड साउथ चर्च ने इसकी एक प्रति बेचने का फैसला किया, ताकि धार्मिक कार्यो के लिए धन इकट्ठा किया जा सके। इसके लिए पादरी समुदाय के सदस्यों ने इसकी कीमत 20-30 लाख डॉलर मिलने की उम्मीद लगाई थी। कैम्ब्रिज के एक छोटे से घर में छपी किताब ‘दे बे सॉम बुक’ यहूदी से अंग्रेजी में अनुवादित है। इसमें शब्दों की टाइपिंग संबंधी ढेरों गलतियां हैं। हालांकि प्रकाशक ने इन गलतियों को अपनी इस किताब में स्वीकारा भी है। तुम्हें जानकर शायद आश्चर्य न हो कि 17वीं शताब्दी में इस किताब को 9 बार फिर से छापना पड़ा था। हालांकि किताब में इस तरह की गलतियों ने अमेरिकी अरबपति डेविड रुबंस्टीन को निराश नहीं किया, जिन्होंने इस किताब की नीलामी में ऑस्ट्रेलिया से फोन पर बोली लगाई। डेविड इससे पहले भी 800 साल पुरानी छपी किताब वर्ष 2007 में  21.3 लाख अमेरिकी डॉलर में खरीद चुके हैं।

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