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एक बार काजोल ने न्यासा के संबंध में बताया था, "न्यासा जहाज को एक बहुत बड़ा प्लेग्राउंड समझती थी और दिन भर उसमें इधर से उधर दौड़ती रहती थी. आप जानते हैं कि बच्चों में कितनी एनर्जी होती है. इस छोटी सी बच्ची में एनर्जी कूट-कूटकर भरी थी. दोपहर में उसे सुलाना काफी आसान हो गया था. सामान्यतः मुझे उसे सुलाने में समय लगता है, लेकिन जहाज में जैसे ही उसका सर तकिए पर रख जाता था, वैसे ही उसकी नींद लग जाती थी."
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