नई दिल्ली. योगगुरु बाबा रामदेव के बयान कि राहुल गांधी दलितों के घर हनीमून-पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं, को लेकर लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है।
मंगलवार को मुजफ्फरनगर में एससी/एसटी राइट्स प्रोटेक्शन महासंघ के
कार्यकर्ताओं ने रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन किया और कलेक्टर ऑफिस के बाहर
उनका पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग
की। बेंगलुरु में भी रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन हुआ है। राष्ट्रीय महिला
आयोग ने रामदेव को नोटिस भेज दिया है और कहा है कि अगर जवाब नहीं आया तो
उन्हें समन भेजा जाएगा। महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि
रामदेव की जगह जेल में है।
सोशल नेटवर्किंग साइट टि्वटर पर भी लोगों का गुस्सा दिखाई दे रहा है। यूजर्स बाबा रामदेव के खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं।
उधर, रामदेव ने अपने बचाव में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है और
दलितों की पूजा करते तस्वीरें भी जारी की हैं। मंगलवार को हिमाचल प्रदेश
के चंबा में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कांग्रेस पर हमला बोला। चुनाव आयोग ने हिमाचल में उनके कार्यक्रम पर बैन लगा दिया है, फिर भी उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
बीजेपी और कांग्रेस ने भी की निंदा
मुजफ्फरनगर में बीजेपी की
एससी/एसटी इकाई ने बाबा के बयान की निंदा की और उनसे माफी मांगने की भी
मांग की। वहीं कांग्रेस ने भी बाबा के बयान की आलोचना की है।
क्या कहा था रामदेव ने
बाबा रामदेव ने 25 अप्रैल को लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में
कहा था कि राहुल गांधी दलितों के घर सिर्फ हनीमून और पिकनिक मनाने जाते
हैं। उन्होंने कहा था यदि राहुल किसी दलित युवती से विवाह कर लिए होते तो
उनका भाग्य खुल जाता और वह अब तक प्रधानमंत्री बन गए होते। इस बयान पर विवाद बढ़ता देख बाबा ने कहा था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने इसके लिए माफी भी मांग ली थी।
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