देवभूमि में कहर के बाद असम में आफत, बाढ़ से 1 लाख लोग प्रभावित
गुवाहाटी। पहले उत्तराखंड में बाढ़ और भारी बारिश ने तबाही मचाई और
हजारों लोगों की जिंदगी चंद पलों में मौत में बदल गई। उत्तराखंड की तबाही
के बाद अब बाढ़ ने असम में अपना विकराल रुप दिखाना शुरु कर दिया है। असम
में आई बाढ़ से अब भी यहां के करीब ग्यारह जिले बुरी तरह से प्रभावित हैं।
हालात बेहद चिंताजनक बन चुके है। एक लाख लोग इस बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित
हो चुके है तो वहीं तकरीबन 95 लोगों की मौत बाढ़ की वजह से हुई है।
अरुणाचल प्रदेश
में हुई भारी बारिश के बाद यहां की जियाधोल नदी का जलस्तर
खतरनाक स्तर तक बढ़ गया। जिसकी वजह से असम काधीमजी जिला बुरी तहर से
प्रभावित हुआ है। बाढ़ की वदह से केवल इस जिले के पच्चीस गांवों पानी में
पूरी तरह से डूब चुके है। हजारों लोगों को बाढ़ ने बेघर कर दिया है।
असम में आई इस बाढ़ ने संपर्क मार्ग को तोड़ दिया है। हजारों एकड़ की फसल
बर्बाद हो गई है। कई पुल भी इस बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं। असम के ऊपरी
इलाकों और पडोसी राज्य में भारी बारिश की वजह से ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर
काफी बढ गया है और जोरहट में नेमातिघाट में यह खतरे के निशान से ऊपर बह
रही है।
ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी जिया भराली सोनितपुर जिले के एनटी रोड में और
धनश्री गोलाघाट जिले के नूमालिगढ में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक धेमाजी जिले के 77 गांव, गोलाघाट के 37 गांव,
जोरहाट के 25गांव, मोरीगांव जिले के 80 गांव, नगांव जिले के 10 गांव और
तिनसुकिया जिले के 6 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सरकार का राहत बचाव कार्य
जारी है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम जारी है। जिन जगहों
पर सड़क मार्ग से संपर्क टूट चुका है वहां लोगो तक हवाई मार्ग से मदद
पहुंचाई जा रही है। हलांकि स्थिति अभी 2011 के बाढ़ वाली नहीं है।
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