Monday, 1 July 2013

ईमानदारी बरतें फिल्मकार : किरण

फिल्म निर्देशिका किरण राव कहती हैं कि फिल्मों में उनके अब तक के अनुभव ने उन्हें यह सिखाया है कि चलन से अलग हटकर फिल्में बनाने वा
Kiran Rao
ले फिल्मकारों को अपने प्रति ईमानदार रहना चाहिए तभी उन्हें पहचान मिल सकती है।
राव (39) ने अपने करियर की शुरुआत एक सहायक निर्देशिका के रूप में फिल्म ‘लगान’ से की थी। उसके बाद उन्होंने ‘मानसून वेडिंग’, ‘साथिया’ और ‘स्वदेस’ जैसी फिल्मों में भी सहायक निर्देशिका के रूप में काम किया।  उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘धोबी घाट’ का निर्देशन किया। राव ने बताया कि किसी नए फिल्मकार को दुनिया में हर जगह संघर्ष करना पड़ता है और भारत इससे अलग नहीं है। यहां भी नए फिल्मकार को संघर्ष करना पड़ता है, खासकर जब वह चलन से अलग हटकर फिल्म बनाता है और कुछ अलग करना चाहता है। संघर्ष से बचने का कोई उपाय नहीं है। सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपनी पहचान पर कायम रहें और अपने प्रति ईमानदारी बरतें। उन्होंने कहा कि फिल्म को अपनी कहानी खुद कहने दीजिए, क्योंकि यदि आप अपनी फिल्म के लिए उत्साहित हैं, तो यह खुद ही जाहिर हो जाएगा। फिल्म की विशेषता लोगों को आकर्षित करेगी। आप जो भी काम शुरू करते हैं उसमें गुणवत्ता होनी चाहिए, तब आपको लोगों का समर्थन जरूर मिलेगा। आठ साल पहले अभिनेता आमिर खान से विवाह करने वाली किरण राव 'आमिर खान प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड' के बैनर की फिल्मों का काम देखती हैं। हालांकि पारम्परिक मसाला हिंदी फिल्मों में उनकी रुचि नहीं है, फिर भी बॉक्सऑफिस पर फिल्म की सफलता से उन्हें खुशी होती है। उन्होंने कहा कि जब कोई फिल्म अच्छा व्यवसाय करती है, तो पूरे फिल्म जगत के लिए यह अच्छी बात है। मुझे भी फिल्मों की सफलता पर खुशी होती है, लेकिन जब कोई घटिया फिल्म बॉक्सऑफिस पर बेहद अच्छा व्यवसाय करती है तो बुरा लगता है। यह एक फिल्मकार के लिए निराशाजनक है। फिलहाल राव एक नई फिल्म पर काम कर रही हैं और फिल्म की पटकथा लिखने में व्यस्त हैं।

No comments:

Post a Comment