Monday, 8 July 2013

चुनावी समर के लिए भाजपा ने कसी कमर

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भले ही सीधे तौर पर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है लेकिन पार्टी नेतृत्व ने अनौपचारिक तौर पर बताया कि मोदी के नाम की घोषणा की जा सकती है। पार्टी नेतृत्व ने तय किया है कि लोकसभा चुनाव होने तक सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय पार्टी की शीर्ष निर्णायक संस्था भाजपा संसदीय बोर्ड ही लेगी।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने खाद्य सुरक्षा विधेयक लागू करने के लिए पिछले हफ्ते अध्यादेश का सहारा लिया। उसके बाद से भाजपा नेतृत्व मान रहा है कि मुख्य विपक्षी दल को निकट भविष्य में होने वाले चुनाव के लिए अब तैयार रहना चाहिए।
भाजपा नेताओं के एक वर्ग की राय है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए लेकिन इस मसले पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है क्योंकि पार्टी में सभी लोग अभी इस बात पर सहमत नहीं हो सके हैं कि प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान अभी किया जाना चाहिए या बाद में।
भाजपा संसदीय बोर्ड की आज हुई बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को छोड़कर सभी सदस्य शामिल थे। भाजपा के वरिष्ठïतम नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बोर्ड सदस्यों से कहा कि पार्टी को सभी समितियों का गठन करना चाहिए और जल्द से जल्द संबंधित लोगों को काम सौंप देना चाहिए। आडवाणी की राय थी कि संसदीय बोर्ड की अगली बैठक से पहले समितियों के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। बोर्ड की अगली बैठक अगले हफ्ते हो सकती है।
भाजपा के एक वरिष्ठï नेता ने बताया, 'बैठक में यह सुझाव दिया गया कि काम उन्हीं व्यक्तियों को सौंपा जाना चाहिए जो कम से कम 6 से 12 महीने का वक्त पार्टी को दे सकें। सभी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और मोदी से कहा कि पार्टी सदस्यों को काम वे ही सौंपे।
संसदीय बोर्ड के ज्यादातर सदस्यों का मानना था कि चुनाव अभियान का मुख्य चेहरा मोदी को ही बनाना चाहिए क्योंकि उन्हें ही अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है। साथ ही अन्य नेताओं को भी प्रमुखता दी जानी चाहिए। चुनाव से पहले पार्टी 100 से ज्यादा जनसभाएं करेगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधने के बाद मोदी अब 14 जुलाई को पुणे में 1,700 पोलिंग बूथ के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
चुनाव की संभावना पर विचार के दौरान भाजना नेताओं ने कहा कि कांग्रेस गुजरात के मुख्यमंत्री पर निशाना साध रही है लेकिन भाजपा को केवल बेहतर सुशासन, महंगाई, राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि कांग्रेस इन मुद्दों पर पिछड़ सकती है।
आडवाणी ने राय दी कि भाजपा शासित राज्यों और कांग्रेस शासित राज्यों के प्रदर्शन को लेकर दस्तावेज तैयार करने के लिए एक समूह बनाया जाए साथ ही एक अन्य समूह पार्टी के विचार आदि पर काम करने के लिए बनाया जाना चाहिए। राजनाथ और मोदी की राय है कि छोटे समूहों का गठन किया जाए और उन्हें पार्टी का काम सौंपा जाए।

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