बीजिंग। सिरफिरे युवकों के एक ग्रुप
ने चीन के कुनमिंग में
रेलवे स्टेशन पर शनिवार शाम चाकुओं से जमकर कत्ले-आम मचाया। इनमें से 33
लोगों की मौत हो चुकी है और 136 से ज्यादा घायल हुए हैं। चीन के
दक्षिण-पश्चिम शहर कुनमिंग में हुए इस नृशंस हत्याकांड को प्रशासन ने आतंकी
हमला बताया है।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हाथ में चाकू लिए युवकों के हमले में 130
से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस हमले का कारण अब तक सामने नहीं आया
है। स्थानीय टीवी चैनल के6 के मुताबिक पुलिस ने हमलावरों को मार गिराया।
बताया जा रहा है कि हमलावरों की संख्या 10 से ज्यादा थी और सभी ने
काले रंग के कपड़े पहने हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाथ में
धारदार चाकू लिए कई युवक शनिवार रात 9 बजे कुनमिंग रेलवे स्टेशन परिसर में
घुसे और उन्होंने लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
घटना के दौरान स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रही स्टूडेंट किआओ युनाओ
ने बताया कि उसने खून से लथपथ कई लोगों को मदद के लिए इधर-उधर भागते देखा।
सोशल नेटवर्किंग साइट वीबो पर किआओ ने बताया, "मैं काफी डर गई थी और
भागकर एक फास्टफूड स्टोर में छिप गई। वे लोग हाथों में चाकू लेकर दूसरे
लोगों को मार रहे थे।"
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी यांग हेफेई ने शिन्हुआ को बताया, "कुछ लोग
चाकू से दूसरे लोगों पर हमला कर रहे थे। उनके सामने जो भी आ रहा था, वे
सबको मार रहे थे।"
राष्ट्रपति ने की निंदा
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, इस मामले में एक संदिग्ध को पकड़ा
गया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिंपिंग ने इस घटना की निंदा की है और
पीड़ितों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हादसे की तस्वीरें
ट्विटर
की तर्ज पर बनी चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट सीना वाइबो पर कई तस्वीरें
जारी हुई हैं। इनमें पुलिस को स्टेशन पर पेट्रोलिंग करते दिखाया है। कुछ
तस्वीरों में खून से सनी लाशें स्टेशन पर हैं। घायलों को अस्पताल ले जाते
हुए दिखाया गया है।
शिनजियांग प्रांत के आतंकवादियों को ठहराया जिम्मेदार
इस बीच चीन ने इस घटना के लिए अशांत शिनजियांग प्रांत के आतंकवादियों
को जिम्मेदार ठहराया है। शिनजियांग का उइगुर मुस्लिम समुदाय के लोगों का
गढ़ माना जाता है। इस समुदाय के लोग अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों
पर चीन सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से नाखुश हैं।
शिनजियांग प्रांत में इस तरह की यह पहली घटना है जिसके लिए चीनी सरकार ने उइगुर समुदाय को जिम्मेदार ठहराया है।
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