- आखिर किसी विदेशी कंपनी ने क्यों बेचा घाटे में
सीएनआई रिसर्च के सीएमडी किशोर.पी.ओस्तवाल कहते हैं, ' जापानी कंपनी दाइची सैंक्यो ने 2008 में रैनबैक्सी को 4.8 बिलियन डॉलर में खरीदा था और उस समय डॉलर 40 रुपये पर था। अब डॉलर 60 पर है और इसकी वैल्यू अब 7.2 बिलियन डॉलर बैठती है। लेकिन दाइची ने इसे 3.2 बिलियन डॉलर में बेच दिया। पहली बार किसी विदेशी कंपनी ने 4 बिलियन डॉलर का घाटा उस समय उठाया है, जब कि रैनबैक्सी को बहुत जल्द ही डायोविन नामक ड्रग ( जो कि 2 बिलियन डॉलर का मार्केट है) का अप्रूवल मिलने वाला था। ऐसे में लोगों के मन में यह सौदा संशय पैदा करता है और दलाल स्ट्रीट में यह कहा जाने लगा कि क्या दाइची फ्रंट रनिंग कर रही थी? हालांकि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं लेकिन सवालों के घेरे में जरूर है यह डील।'
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