Thursday, 10 April 2014

जेट की उड़ान से जवाब नहीं मिलने पर मच गया था हड़कंप


Symbolic photo पिछले महीने लंदन से मुंबई आ रही जेट एयरवेज की एक उड़ान से जवाब नहीं मिलने पर जर्मन हवाई यातायात नियंत्रण कक्ष में हड़कंप मच गया था, क्योंकि पायलटों ने अपने हैडसेट्स में आ रही धीमी आवाज की अनदेखी की और करीब 25 मिनट तक कोई जवाब नहीं दिया.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 9 डब्ल्यू-117 के दोनों पायलटों के नाम गंभीर घटना की जांच के दौरान उड़ान रोस्टर से दो हफ्ते के लिए हटा दिए गए. यह घटना मलेशियाई विमान एमएच-370 के लापता होने के महज पांच दिन बाद हुई थी. घटना से जर्मन हवाई यातायात नियंत्रण कक्ष में हड़कंप मच गया और बाद में उसने भारतीय नियामक नागर विमानन महानिदेशालय से शिकायत की, जिसने तत्काल जांच शुरू कर दी.
जेट एयरवेज के स्थायी जांच बोर्ड ने भी समानांतर रूप से घटना की जांच की, जिसमें बोइंग 777 300 ईआर विमान शामिल था, जो वीटी-जेईजी के रूप में पंजीकृत है. नागर विमानन महानिदेशालय के अधिकारियों ने पिछले महीने के आखिर में मुंबई में जेट के संचालन अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया. सूत्रों ने बताया कि यह पाया गया कि पायलटों ने अपने हैडसेट्स में आ रही धीमी आवाज की अनदेखी की और अपने आधिकारिक जवाब में कहा कि उन्होंने हेडफोन हटा दिए थे, नतीजतन संपर्क टूट गया.
जर्मन एटीसी से माफी मांगी
उन्होंने बताया कि विमान जब करीब 25 मिनट तक जर्मनी के ऊपर था, तो पायलटों ने हवाई नियंत्रण कक्ष से आ रही कॉल्स का जवाब नहीं दिया. जर्मन हवाई नियंत्रण कक्ष ने तत्काल इसकी सूचना एयरलाइन को दी जिसने कॉकपिट को विमान में लगे एसीएआरएस (एयरक्राफ्ट कम्‍यूनिकेशंस एड्रेसिंग एंड रिपोर्टिंग सिस्टम्स) के जरिए एक एसएमएस भेजा. पायलटों ने एसएमएस का जवाब दिया और उत्तर नहीं देने के लिए जर्मन एटीसी से माफी मांगी.
हो रहा जवाब का इंतजार
छोटे संदेश भेजने के लिए एसीएआरएस विमान और जमीनी स्टेशनों के बीच एक डिजिटल डाटा लिंक प्रणाली है. इसमें संदेश एयरबैंड रेडियो या उपग्रह के जरिए भेजा जाता है. जेट एयरवेज ने अपनी जांच रिपोर्ट जर्मन हवाई नियंत्रण कक्ष डीएफएस ड्यूश्च फ्लुगसिचेरंग को भेज दी है जिसने 10 दिन के भीतर जवाब मांगा था. सूत्रों ने कहा कि डीजीसीए जांच और मामले को बंद करने को प्रभाव में लाने के लिए जर्मन एटीसी के जवाब का इंतजार कर रहा है.
होगी अनुशासनात्‍मक कार्रवाई
जेट के एक प्रवक्ता ने कहा कि घटना की जांच की गई और पायलट दो हफ्ते से विमान नहीं उड़ा रहे हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर जेट एयरवेज ने संबंधित पायलटों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की है. जर्मन अधिकारियों को मामला बंद करने के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है. उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज में हर समय अपने अतिथियों की सुरक्षा के लिए उच्चतम मानक कायम रखने की कोशिश की जाती है.

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