Tuesday, 8 April 2014

फिर से ज़मींदारी प्रथा चालू करेगा केजरीवाल


हम सब जानते हैं की ज़मीदारी प्रथा एक ऐसी  प्रथा थी जिसमे माना जाता था जिसकी लाठी उसकी भैंस मतलव जो जितना तागतबर होता था उसका दवाव उतना ही जाड़ा रहता है दलितों और पिछड़ों का शोसन करना इस प्रथा का मुख्य उद्देश्य था देश आज़ाद होने के बाद सरकार ने कितनी मुस्किल से एह प्रथा खतम कराई है उसका अंदाज़ा लगन कितना मुस्कि


ल है परंतु आज एह केजरी फिर से मोहल्ला सभा और गराम सभा के दुआरा इस प्रथा को जीबित करने की बात कर रहा है , हम इतना बताना चाहते है सत्ता विकेद्रीकरण की बात सिर्फ और सिर्फ देश का गद्दार ही कर सकता है किओंकी वो सत्ता के अनगिनत केन्द्र बनबा कर सिर्फ और सिर्फ लोगों को लडवा कर अपना फायदा करना चाहता है और देश का नुकसान
जब हर गाव और मोहल्ले मे सभा होगी तो लोग रोज़ राजनीति करेंगे अपने फायदे के लिए लोगों को लड़बायेंगे मरबायेंगे , दंगे करबायेंगे , भाई को भाई से लड़बायेंगे , जो गरीव हैं उनेह और दबाया जायेगा , हर  वर्ग कोने मे अराजकता फैल जायेगी और फायदा बिदेशिओं को होगा वो आसानी से इस देश को टूकड़े 2 कर सकेंगे एही केजरी दलाल चाहता है जिसके लिए इसने अंग्रेज़ों से पैसा लिया है  अगर समय रहते इस पाखंडी को जेल मे नही डाला गया तो एह देश के टुकड़े करबाने मे सफल हो जायेगा।

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