Tuesday 31 December 2013

2013 में निवेश के 62000 करोड़ के प्रस्ताव आये

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इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र के लिये 2013 महत्वपूर्ण साल रहा। इसमें 62,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव आये और इस मामले में इस क्षेत्र ने दूरसंचार क्षेत्र को पीछे छोड़ दिया जो एक समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये सर्वाधिक निवेश हासिल करने वाला क्षेत्र था।

सर्वाधिक आयात वाला भारतीय इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्षेत्र में करीब 51500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को साल के दौरान मंजूरी मिल गई जबकि 20 इकाइयों को अलग-अलग 12,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अभी प्रक्रिया में है।

सुधारात्मक उपायों के अभाव में यह अनुमान है भारत को आने वालें वर्षों में सालाना 300 अरब डॉलर मूल्य का इलेक्ट्रानिक उत्पादों का आयात करना पड़ेगा जो देश के पेट्रोलियम उत्पादों के आयात के मूल्य से अधिक होगा। दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी कपिल सिब्बल ने कहा कि कच्चे तेल का मौजूदा आयात बिल करीब 140 अरब डॉलर है। क्या आपको लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 300 अरब डॉलर के उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक्स के आयात को वहन कर सकती है।

हम दिवालिया हो जाएंगे। हमारे पास देश में विनिर्माण क्षेत्र तैयार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इलेक्ट्रानिक क्षेत्र के लिये पिछले साल आई राष्ट्रीय नीति इस क्षेत्र में नई जान डालने के समान रहा। इलेक्ट्रानिक्स विभाग तथा आईटी सचिव जे सत्यनारायण ने कहा कि मेरे हिसाब से वर्ष 2012 तथा 2013 दोनों को इलेक्ट्रानिक प्रणाली तथा डिजाइन विनिर्माण क्षेत्र के लिये आधार वर्ष माना जाना चाहिए। इलेक्ट्रानिक्स की राष्ट्रीय नीति को इस साल मंजूरी मिली लेकिन कुछ महत्वपूर्ण तत्वों को 2012 में मंजूरी मिली।

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