Friday 27 December 2013

सीएम की नसीहत...अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें अधिकारी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर दंगा राहत शिविरों में किसी भी बच् चे की ठंड से मौत नहीं होने और ठंड से कभी किसी व्यक्ति की मौत नहीं होने सम्बन्धी गृह विभाग के प्रमुख सचिव के विवादास्पद बयान पर आज कहा कि टीवी चैनलों के जमाने में अधिकारियों को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में गृह विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार गुप्ता के बयान पर कहा सवाल-जवाब में कई बार भाषा बदल जाती है। मैं समझता हूं कि अधिकारियों को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिये। उन्होंने कहा आजकल टीवी कैमरा का जमाना है। सब कुछ रिकार्ड हो जाता है। तब हमारे हाथ में कुछ नहीं रहता, बल्कि आपके (मीडिया) के हाथ में होता है। आप उसे जैसे चाहें बार-बार रिवाइंड करके दिखाएं। जो कोई भी हो चाहे वह पार्टी के लोग हो या अधिकारी हो, वे ख्याल रखें कि जब भी प्रेस के सामने जाएं तो कहीं ना कहीं शब्दों का चयन ऐसा हो जिससे भावनाओं को दुख ना पहुंचे। गौरतलब है कि गृह विभाग के प्रमुख सचिव गुप्ता ने कल राहत शिविरों में बच्चों की मौत की जांच सम्बन्धी एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट की जानकारी देने के लिये बुलायी गयी प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि राहत शिविरों में ठंड से किसी की मौत नहीं हुई है। ठंड से कभी कोई नहीं मरता है, अगर ठंड से किसी की मौत होती तो दुनिया के सबसे ठंडे इलाके साइबेरिया में कोई जिंदा नहीं बचता। मुख्यमंत्री ने एक अन्य सवाल पर कहा कि सरकार की कोशिश है कि मुजफ्फरनगर का मसला खत्म हो और विस्थापित लोग अपने घर वापस जाएं।

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