Thursday 26 December 2013

कैट, फिश और राशा का न्यू ईयर

Image Loadingपिंटी का चेहरा खिल गया। वहीं पास में राशा का पालतू बिल्ला चंगा बैठा था। बहुत दिनों से उसकी नजर इन मछलियों पर थी।

शा ने गिन कर देखा, उसके एक्वेरियम में पूरी दस रंगबिरंगी मछलियां थीं। उनमें से नीली और सिल्वर रंग की मछली तो उसकी लाडली थी। राशा ने अपने स्कूल की दोस्त पिंटी को अपने घर बुलाया था। पिंटी मछलियों को देखते ही चहकने लगी। कभी वो नीली मछली को अपनी उंगलियों से छूती, तो कभी सफेद मछली को हिलाती। बहुत देर तक पिंटी मछलियों से खेलती रही। अचानक उसके मुंह से निकला-काश मेरे पास भी मछलियां होतीं। राशा ने कहा, ‘पिंटी, मैं तुम्हें दूंगी मछलियां, मेरी तरफ से नए साल का गिफ्ट!’ पिंटी खुश हो गई। राशा अपनी मम्मी से मांग कर एक कांच की बोतल ले आई और उसने लंबी वाली जाली से दो मछलियां एक्वेरियम से निकाल कर बोतल में रख दीं। एक का रंग बैंगनी था, दूसरे का पीला। पिंटी का चेहरा खिल गया। वहीं पास में राशा का पालतू बिल्ला चंगा बैठा था। बहुत दिनों से उसकी नजर इन मछलियों पर थी। जब भी वह ड्राइंग रूम में एक्वेरियम के पास पड़े गलीचे पर धूप सेंकने लेटता, उसकी नजरें मछलियों पर ही जमी रहतीं। इतनी सुंदर मछलियां हैं, खाने में भी लजीज होंगी। उसे लगता, काश एकाध मछली एक्वेरियम से टपक कर जमीन पर आ गिरे तो कितना मजा आए। जब उसने देखा कि राशा ने दो मछलियां पिंटी को दे दी हैं, तो उसे बहुत गुस्सा आया। उसने ना दूध पिया ना रोटी खाई। बस राशा और मछलियों को घूरता रहा।

शाम को राशा अपने दोस्तों के साथ बाहर खेलने चली गई। लौट कर आई, तो उसने देखा के चंगा एक्वेरियम के आसपास उछल रहा है। राशा ने चंगा को खूब जोर से डांट कर वहां से भगाया। जब वह मछलियों को दाना देने आई, तो उसने देखा कि एक्वेरियम में सिर्फ छह मछलियां थीं। दो उसने पिंटी को दी थीं। तो फिर दो कहां गईं? उसके मन में चंगा का ख्याल आया। बहुत दिनों से दुष्ट की नजरें थी मछलियों पर। जरूर उसने ही दो मछलियां गड़प कर ली होंगी। राशा दुखी हो गई। उसने रात को चंगा को खाना ही नहीं दिया। अगले दिन सुबह जब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगी, तो मम्मी ने जोर से आवाज दे कर कहा, ‘राशा, जरा मछलियों को खाना दे देना।’ राशा एक्वेरियम के पास पहुंची, तो सभी मछलियां उसे देख लपक-लपक कर तैरने लगीं। उसने गिनना शुरू किया। एक, दो, ओह, आठ, तो रात को इनमें से दो कहां चली गई थीं? शायद उसने ही गलत गिना हो। और सजा मिल गई बेचारे चंगा को। राशा ने देखा, चंगा सोफे के नीचे सो रहा था। उसने बुलाया, तो मुंह फेर कर लेट गया। राशा ने उसके पास जा कर उसे गोद में उठा लिया, ‘गुड कैट। आइ एम सॉरी बेबी, चलो, मैं तुम्हें ढेर सारा दूध देती हूं। आज से मैं कभी तुम पर गुस्सा नहीं करूंगी।’ राशा के हाथ से चंगा गटागट एक गिलास दूध पी गया। मछलियों को बाय बोल कर राशा स्कूल चली गई। लौट कर आई, तो मम्मी ने बताया कि कुछ देर पहले जब वे कमरे में आईं, तो उन्होंने एक्वेरियम की दो मछलियों को जमीन पर गिरा पाया। और चंगा था कि लगातार म्याऊं-म्याऊं करते हुए गुर्रा रहा था। मम्मी की आवाज सुन कर भी चंगा वहां से नहीं गया। किसी तरह मम्मी ने उन दोनों मछलियों को एक्वेरियम में डाला। मम्मी ने कहा, ‘चंगा बहुत बदमाश हो गया है। उसे तुम बिलकुल खाना मत देना। उसे आज ही मौसी के घर छोड़ आते हैं। वरना किसी दिन वह सारी मछलियां खा जाएगा।’ राशा को यकीं नहीं हुआ कि चंगा बदमाश हो सकता है। उसका सबसे अच्छा दोस्त है चंगा, और मछली खानी होती, तो कल ही ना खा लेता? पर मम्मी चंगा को शाम को अपने साथ ले गई और चंगा बेचारा राशा की तरफ देख कर शिकायतें करता रहा। चंगा के जाने के बाद राशा का घर में बिलकुल मन नहीं लगा। वह पिंटी के पास चली गई। पिंटी घर में रो रही थी और अपने छोटे भाई पिंकू को डांट रही थी, ‘तुम्हारी वजह से मेरी दोनों मछलियां मर गईं। तुमने उन्हें पानी से क्यों निकाला? तुमने कहा था कि तुम राशा के घर से मेरी फेवरेट ब्लू और सिल्वर मछलियां ले आओगे, कहां हैं?’ पिंटू ने धीरे से कहा, ‘दीदी, मैं रात को लाया तो था, पर तुम्हें वो दोनों पसंद ही नहीं आईं। इसलिए मुझे वापस जा कर उन्हें एक्वेरियम में डालना पड़ा। और पता है इसमें कितना रिस्क है, चंगा कैट ने तो उछल कर मुझे खरोंच लिया था। मछलियों के पास जाने ही नहीं दे रहा था। आज दोपहर को मैं उनके घर गया, दो मछलियों को पकड़ भी लिया, उनमें वो तुम्हारी फेवरेट ब्लूवाली भी थी, पर पता नहीं कहां से चंगा आ गया और मुझे पंजा मारने लगा। मुझे दौड़ कर वहां से भागना पड़ा।’ राशा को बहुत बुरा लगा। कल उसने घर में पिंकू को देखा था, पर उसने कहा था कि वह पिंटी की होम वर्क बुक लेने आया है। वह हमेशा आता था घर में, कभी चंगा से खेलने, तो कभी उसके घर के बाहर लगे झूले पर झूलने। तो उसकी कारस्तानी थी ये सब। राशा रोने लगी। पिंटी बाहर निकली। उसे पता चल गया कि राशा ने सब सुन लिया है। राशा ने रोते-रोते कहा—तुम मेरी बेस्ट फेंड्र हो कर मेरी फेवरेट फिश चुराने का प्लान कैसे बना सकती हो? पिंटी रोने लगी, ‘आगे से कभी नहीं करूंगी, राशा। सॉरी। कभी नहीं। मुझे बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या करूं?’ राशा ने आंसू पोंछ कर कहा, ‘अभी मौसी के घर जाओ और मेरे दोस्त चंगा को ले कर आओ। आज मैं सिर्फ उसे पार्टी दूंगी।’ राशा ने तय कर लिया कि आगे से कभी वह चंगा पर शक नहीं करेगी और पापा से कह कर उसे खूब सारी मछलियां मंगवा कर खिलाएंगी। अब उसे भी तो चंगा को कुछ न्यू ईयर गिफ्ट देना होगा।

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