अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह भारतीय युद्ध बंदियों को छुड़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की शरण ले। साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद से 54 भारतीय जवान पाकिस्तान की गिरफ्त में हैं।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस भास्कर भट्टाचार्य और जस्टिस जेबी पारडीवाला की बेंच ने एक दिसंबर को हुई सुनवाई में फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने सरकार से कहा कि वह बंदी जवानों का वेतन और भुगतान के लायक सभी भत्ते उनके परिजनों को तीन महीने में चुका दे।
अदालत ने कहा कि युद्ध के बाद भारत ने पाकिस्तान के 93 हजार से अधिक बंदी सैनिकों को मुक्त कर दिया। लेकिन पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों को न छोड़कर शिमला समझौते का उल्लंघन किया है। इसलिए इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ले जाया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने केंद्र का तर्क खारिज कर दिया कि अदालत नीतिगत मामलों में दखल नहीं दे सकती। कोर्ट ने कहा, ‘यह नीतिगत फैसले में दखल का मामला नहीं है बल्कि यह उसकी (केंद्र सरकार की) निष्क्रियता का मामला है। वह अपने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए कानूनी कदम नहीं उठा रही है।’
आइए आपको दिखाते हैं भारत-पाक के युद्ध से जुड़ी कुछ ऐतिहासिक व दुर्लभ तस्वीरें..
देखें तस्वीरें : (फोटोग्राफर - विजय झवेरी)
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