Saturday, 31 December 2011

हिसार के इस अन्ना की तारीफ में कम पड़ जाएंगे शब्द



हिसार.क्या आप जानते हैं, वैद्य सुरेंद्र पाल मिगलानी कौन है? यदि नहीं, तो आइए हम आपका परिचय इनसे कराते हैं।


यह बुजुर्ग शख्स वह हस्ती है जो अपनी पूंजी (वृद्धावस्था पेंशन) से दूसरों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते हैं। करोड़ों रुपये का घपला कर देश को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वालों से इनकी सोच एकदम उलट है। यही वजह है कि इस महीने की पेंशन उन्होंने रमन को दी। है न वैद्यजी, अन्ना सरीखे।

वैद्यजी 74 बरस के हैं। 12वीं तक पढ़े हैं। जलेबी चौक भुटानी कालोनी में किराए के मकान में रहते हैं। 1947 में पाकिस्तान के नूरशाह गांव से हिसार आए थे। उस समय वे कक्षा तीन में पढ़ते थे।

गांव डाबड़ा में ‘अपना दवाखाना’ चलाते हैं। इनकी पत्नी का करीब पांच साल पहले निधन हो चुका है। चार बेटे हैं। सभी अपने पैरों पर खड़े हैं। वैद्यजी हर महीने सरकार से मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन लेते तो हैं, लेकिन उसे खुद पर खर्च नहीं करते। वे इस राशि से जरूरतमंदों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाते हैं।

कौन है रमन ?

रमन गांव दनौदा का रहने वाला है। तीन साल के इस बच्चे के पिता कुलदीप का करीब ढाई साल पहले निधन हो चुका है। रमन की मां संतरा ने बताया कि उसके चार बच्चे हैं। रमन सबसे छोटा है। इनकी जिम्मेदारी उसकी पर है। घर खर्च के लिए मजदूरी के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं है। ट्रैक्टर की चपेट में आकर रमन घायल हो गया था। उसके सिर में चोट आई है।

युवकों ने बेची थी कैंडल

रमन की मदद के लिए क्रिसमस पर शहर के चार युवकों ने मोमबत्तियां बेची थी। दैनिक भास्कर ने इन युवाओं के जज्बे और जरूरतमंद बच्चे की बात को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद से कुछ मददगार आगे आए हैं।

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