लुधियाना.फैक्ट्री में काम करने वाले राम खिलावन के मशीन में कटे हाथ को डाक्टरों ने नौ घंटे बाद दोबारा जोड़ दिया। मरीज का हाथ दोबारा काम करने लग गया है।
यह इसलिए भी संभव हो सका, क्योंकि मरीज के परिवार वालों ने कटे हुए हाथ को साइंटीफिक तरीके से प्रीजर्व कर अस्पताल तक ले आए थे। गुरु तेग बहादुर चेरिटेबल अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन डा.राहुल टंडन व एनसथीसिस्ट डा.प्रीति की टीम ने इस सर्जरी को अंजाम दिया। सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में डा.टंडन ने बताया कि 27 साल के राम खिलावन का हाथ 13 अक्तूबर को मशीन में आने से कट गया था।
ईएसआई कोर्ड होल्डर होने की वजह से उसे पहले ईएसआई अस्पताल ले जाया गया, जहां से डीएमसी रेफर कर दिया गया। लेकिन वहां थोड़ी देर इंतजार करने के बाद परिवार वाले उसे दोबारा ईएसआई ले आए, जहां से उसे जीटीबी अस्पताल रेफर किया।
इस दौरान हाथ को कटे हुए नौ घंटे बीत चुके थे। परिवार वाले कटा हुआ हाथ भी बर्फ में रखकर साथ लाए थे। डा.टंडन के मुताबिक आमतौर पर हाथ को छह घंटे से ज्यादा ठीक नहीं रह पाता, लेकिन इस मामले में हाथ पूरी तरह अकड़ा नहीं था, जो संकेत था कि मसल्स अभी भी एक्टिव हैं।
वैसे भी मरीज का दांया हाथ था, जो कटने से उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जानी थी। इसलिए एक चांस लेने के लिए मरीज का ऑपरेशन किया गया। सर्जरी छह घंटे तक चली। इसमें उसका हाथ पूरी तरह से जोड़ दिया गया। मंगलवार को मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
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