सर्दी में लोग अपनी सेहत बनाने के लिए दादी व नानी के नुस्खों को अपनाते हैं। तरह-तरह के आयुर्वेदिक प्रयोग करते हैं ताकि सालभर शरीर स्वस्थ और निरोगी रहे। लेकिन हमारे बुजुर्ग शायद इस विषय में हमसे ज्यादा सोचते थे इसीलिए उन्होंने स्वाद और सेहत को एक साथ संजोया।
यही कारण है कि तिल का उपयोग सर्दी में कई तरह से किया जाता है। दरअसल तिल के ये छोटे-छोटे दाने सेहत से भरपूर हैं। इसलिए तिल का प्रयोग घी व गुड़ के साथ करने से वर्षभर कई तरह के रोग दूर रहते हैं। साथ ही घर में बनी तिल पट्टी व बिजौरे भी शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
- यदि किसी को बार-बार यूरिन आने या खुलकर यूरिन न आने की समस्या है तो उसे पांच ग्राम तिल और पांच ग्राम गौखरू का काढा बनाकर दें। आराम मिलेगा।
- तिल के तेल में नीम की पत्तियां डालें। इस तेल की मालिश से मुंहासे व चर्म रोग से निजात मिलती है।
- तिल के तेल से कोलेस्ट्रोल का स्तर घटता है। यह हृदय रोग को रोकने में भी सहायक है।
- खांसी से निजात दिलाने में तिल मदद करता है। चाय बनाते समय उसमें दो ग्राम तिल या दो-तीन तिल के पौधे की पत्तियां और जरा सी अदरक भी डालें। इस चाय के सेवन से खांसी जल्द ही ठीक हो जाएगी।
- रोज सुबह दस ग्राम काला तिल अच्छी तरह चबा-चबाकर खाने से मसूड़े स्वस्थ और दांत मजबूत होते हैं।
- तिल, सोंठ, मेथी, अश्वगंधा व हल्दी बराबर मात्रा में मिलाकर पाउडर बना लें। रोज सुबह-शाम इसका सेवन करने से अर्थराइटिस से मुक्ति मिलती है।
- तिल का सेवन कफ, सूजन, दर्द में राहत पहुंचाने में मदद करता है।
- काले तिल को शुद्ध घी में भून लें। उन्हें पीसकर गुड़ पिघालकर दोनों को मिलाकर ठंडा कर लड्डू बांध लें। इस लड्डू के सेवन से बहुमूत्र की समस्या ठीक हो जाएगी।
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